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सप्ताहभर चले भारतीय कार्टिंग रेस और फॉर्मूला इम्पीरियल 2024 का समापन

बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट और गलगोटियास यूनिवर्सिटी में, विजेताओं की घोषणा
विजन लाइव/ ग्रेटर नोएडा
बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट, बहुप्रतीक्षित आईएसआईईइंडिया भारतीय कार्टिंग रेस और फॉर्मूला इम्पीरियल 2024 का फाइनल बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट में रोमांचक तरीके से समाप्त हुआ। भारत भर की टीमों ने अपनी इंजीनियरिंग और ड्राइविंग कौशल का प्रदर्शन किया, जिसमें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों को चैंपियन का ताज पहनाया गया।

कम्बशन वाहन श्रेणी में कार्टिंग रेस के विजेता:
* चैंपियन: टीम ड्यूस रेसर्स, एलपीयू पंजाब
* रनर-अप: टीम हॉक्स 9.5, यशवंतराव चव्हाण कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, नागपुर
इलेक्ट्रिक वाहन श्रेणी में कार्टिंग रेस के विजेता:
* विजेता: टीम वोल्ट्रॉन्स, एलपीयू पंजाब
* रनर-अप: टीम नियुद्रथ कार्टिंग, एमआईटी पुणे
फॉर्मूला इम्पीरियल 2024 श्रेणी में:
* चैंपियन: टीम स्क्रूड्राइवर्स, धोल पाटिल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पुणे
* रनर-अप: टीम अश्वमेध, एनके ऑर्किड कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, सोलापुर
इस प्रतियोगिता ने अत्याधुनिक ऑटोमोटिव नवाचार, तकनीकी विशेषज्ञता और रेसिंग क्षमता को प्रदर्शित किया, जिसमें पूरे भारत की टीमें उच्चतम स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर रही थीं। यह कार्यक्रम इंजीनियरिंग प्रतिभा और मोटरस्पोर्ट्स का एक उत्सव था, जो कई श्रेणियों में चैंपियनों की ताजपोशी के साथ सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
डॉ. ध्रुव गलगोटिया, गलगोटियास यूनिवर्सिटी के सीईओ, ने कार्यक्रम के प्रति अपना उत्साह व्यक्त किया: "हम आईएसआईईइंडिया के साथ फॉर्मूला इम्पीरियल और भारतीय कार्टिंग रेस का आयोजन कर बहुत गर्व महसूस कर रहे हैं। यह कार्यक्रम छात्रों के लिए व्यावहारिक शिक्षा प्राप्त करने और अपनी इंजीनियरिंग क्षमताओं का प्रदर्शन करने का एक अद्वितीय अवसर है। यह हमारे शिक्षा में नवाचार और उत्कृष्टता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह छात्रों को वास्तविक दुनिया के परिदृश्यों में अपने ज्ञान को लागू करने और इंजीनियरिंग व तकनीकी क्षेत्र में सफल करियर के लिए तैयार करने में सक्षम बनाता है।”
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में 
डॉ. अवधेश कुमार, प्रो वीसी, गलगोटियास यूनिवर्सिटी
डॉ. सुधीर कुमार सिंह, डीन इंजीनियरिंग, गलगोटियास यूनिवर्सिटी
डॉ. दीपक सोनी, हेड, सिविल इंजीनियरिंग विभाग
डॉ. कौशलेंद्र कुमार दुबे, एसोसिएट प्रोफेसर, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग
बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका रही।