Vision Live/ Greater Noida
शारदा विश्वविद्यालय ने ईपीआईपीडब्ल्यूए और शिबानी फाउंडेशन के सहयोग से कासना के साइट-5 में शारदा कौशल विकास केंद्र का शुभारंभ किया। केंद्र ने विशेष रूप से शुरुआती लोगों के लिए डिज़ाइन की गई कंप्यूटर साक्षरता कक्षाएं शुरू की हैं। जिसका उद्देश्य डिजिटल विभाजन को पाटना और प्रतिभागियों को महत्वपूर्ण तकनीकी कौशल से लैस करना है।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डीसीपी महिला सुरक्षा सुनीति ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा की किसी ऐसे बच्चे के चेहरे पर मुस्कान लाने से बेहतर कुछ नहीं है, जिसे इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है। उन्होंने शारदा कौशल विकास केंद्र के प्रयासों की सराहना की, जो समाज के वंचित वर्गों को बहुत जरूरी कौशल और प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए काम कर रहा है।
शारदा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. सिबाराम खारा ने इस बात पर जोर दिया गया कि भारत का विकसित भारत का सपना केवल जमीनी स्तर के विकास को प्राथमिकता देकर ही साकार किया जा सकता है। समावेशी विकास वास्तव में विकसित राष्ट्र की नींव है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रगति के अवसर समाज के सभी कोनों तक पहुंचे, खासकर उन लोगों तक जो वंचित हैं।
केंद्र की प्रमुख डॉ. पारुल सक्सेना ने कहा हमने इस कार्यक्रम को शुरू करने के लिए कई बाधाओं को पार किया है, जिससे सभी के लिए आवश्यक डिजिटल कौशल तक पहुंच सुनिश्चित हुई है। डॉ. सक्सेना ने लड़कियों और महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से एक सिलाई केंद्र की स्थापना सहित भविष्य की योजनाओं की रूपरेखा भी बताई। हमारा लक्ष्य उन्हें ऐसे कौशल से लैस करना है जो आर्थिक स्वतंत्रता और अधिक आत्मनिर्भरता की ओर ले जा सकें।
इस कार्यक्रम में शिबानी फाउंडेशन की संस्थापक बरनाली खारा, जनसंपर्क निदेशक डॉ अजीत कुमार, वरिष्ठ संकाय सदस्य और शारदा विश्वविद्यालय के छात्र उपस्थित रहे ।