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दोस्ती की एहमियत

Vision Live/Greater Noida 
मित्रता न केवल व्यक्तिगत जीवन में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एक अधिक सहिष्णु, समझदार और एकजुटा के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। महामण्डलेश्वर आचार्य 
अशोकानंद जी महाराज .श्री मोहन दिव्य योग मन्दिर ट्रस्ट के संस्थापक/ अध्यक्ष महामण्डलेश्वर आचार्य अशोकानंद जी महाराज ने मित्रता दिवस पर प्रकाश डालते हुए अपने वक्तव्य में कहा कि आज मित्रता दिवस को पूरी दुनिया में उत्साह के साथ मनाया जाता है, क्योंकि ऐसा शायद ही कोई दोस्त न हो, जो दोस्ती की एहमियत न जानता हो। हम सभी की जिंदगी में कम या ज्यादा लेकिन दोस्त जरूर होते हैं, दोस्तों के साथ बिताया समय किसे नहीं अच्छा लगता दोस्ती ही एक ऐसा रिश्ता है जिसे व्यक्ति खुद की मर्जी से चुनता है। बचपन में जाने अनजाने ही कई दोस्त बन जाते हैं, जिनमें से कुछ स्कूल, कॉलेज तक ही साथ निभाते हैं तो कुछ आगे तक आपकी लाइफ में बने रहकर अच्छे-बुरे वक्त में दोस्ती निभाते है। हालांकि ऐसे दोस्त कम ही होते है जो जीवन भर सच्ची दोस्ती निभाएं। इसलिए दोस्त बनाते हुए आपको सतर्कता बरती अवश्य चाहिए।
दोस्त वे होते हैं जिनकी संगत आपके भविष्य को प्रभावित करती है। बुरी आदतों वाले दोस्तों की संगत आपको व आपके भविष्य को बिगाड़ने की क्षमता रखती है, वहीं अच्छी सोच व आदतों वाले दोस्त आपके व्यक्तित्व व जिंदगी को संवारने में सहायक होते है।
वैसे तो इन दिनों दोस्तों को कई श्रेणी बांट दिया गया है जैसे समान हॉबी वाले दोस्त, व्यावसायिक दोस्त, वर्कप्लेस दोस्त, मतलबी दोस्त आदि लेकिन जो सच्चे दोस्त होते हैं उनकी खूबी समान ही होती हैं, जैसा कि वे जिदंगी की हर परिस्थिति में हमेशा आपका साथ देते हैं और वे आपकी भलाई चाहते हैं।