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एनएसएस यूनिट-1 और यूनिट-4 की टीम के सात दिवसीय “राष्ट्रीय सेवा योजना” कार्यक्रम



बेटियाँ आज सभी क्षेत्रों में देश का गौरव बढ़ा रहीं हैंः- आराधना गलगोटिया डायरेक्टर ऑपरेशन गलगोटियास विश्वविद्यालय 
Vision Live/Yeida City 
गलगोटिया विश्वविद्यालय के तत्वाधान में ग्रेटर नोएडा के भाईपुर- ब्राह्मण गांव में 12 मार्च से 18 मार्च-2024 तक चलने वाले सात दिवसीय विशेष एनएसएस शिविर का सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ आज समापन हो गया। गलगोटियास विश्वविद्यालय के एन एस एस की समन्वयक प्राँजलि मिश्रा ने कहा कि इस सात दिवसीय “राष्ट्रीय सेवा योजना” के कार्यक्रम में सबसे पहले दिन विद्यार्थियों ने पूरे ग्राम का सर्वे किया और ग्रामीणों के साथ अपना परिचय कराया। प्रत्येक दिन के निर्धारित कार्यक्रमानुसार ग्राम वासियों को एआई आर्टिरियल इनटेंलीजैंस डिजिटल इंडिया के बारे में जानकारी अवगत करायी गयी। आयुष्मान कार्ड के बारे में सटीक जानकारी देकर गरीबी  रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों के आयुष्मान कार्ड भी बनवाने में उनकी सहायता की।  
सौलर लाइट के महत्व को समझते हुए विद्यार्थियों ने ग्रामीणों से बात करते हुए कहा कि हम अपनी सूझबूझ और कठिन परिश्रम के बल पर आगे आने वाले समय में भारत को फिर से विश्व गुरू  बना सकते हैं। यही माननीय प्रधानमंत्री जी का एक सपना है।  
उसके बाद अगले दिन भारत सरकार की विशेष थीम “विकसित भारत @2047”
के बारे में विद्यार्थियों ने विस्तार से परिचर्चा की। 2047 तक भारत की अर्थव्यवस्था किस प्रकार से दुनिया के तीसरे स्थान को प्राप्त कर सके। इसी विषय पर गहन मंथन किया गया। सभी ने अपने अपने-अपने  विचार रखे।  
विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डा० के० मल्लिकार्जुन बाबू ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि परिश्रम करने से ही व्यक्ति को सफलता प्राप्त होती है। उन्होंने विद्यार्थियों से सफलता के लिए निरंतर परिश्रम करने का आह्वान किया।
प्रो० वाइस चांसलर डा० अवधेश कुमार ने साकारात्मक विचारों और मैटल हैल्थ के लिये योगा और मैडिटेशन पर जोर देते हुए कहा कि युवाओं के लिये विशेष रूप से नशे जैसे व्यसन से दूर रहकर राष्ट्र निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने की आज बहुत ज़रूरत है। युवा अपने रास्ते से भटकें नहीं।  वो भारतीय संस्कृति की राह पर चलें। 
इस सात दिवसीय कैंप में ग्रामीण परिसर में स्वच्छता अभियान चलाया गया। ट्रैफ़िक के नियमों के बारे में जानकारी दी गयी और हैल्मेट पहनने के महत्व पर जोर दिया गया। बड़े वाहनों को चलाते वक्त सीट बैल्ट का लगाना बहुत ही ज़रूरी है ये बात जोर देकर  कही गयी।  महिलाओं के लिये मासिक-धर्म के समय में विशेष स्वच्छता रखनी की बात कही गयी और सैनट्री-पैड भी वितरित किये गये। 
गलगोटियास विश्वविद्यालय के चॉसलर सुनील गलगोटिया ने कहा कि आज का युवा कल के भारत का सच्चा करणधार है। इसलिए देश का युवा अपना प्रत्येक कार्य पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ करें। जिससे कि वो कल के एक श्रेष्ठ भारत का निर्माण कर सके।  
विश्वविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा० ध्रुव गलगोटिया ने  विद्यार्थियों से सफलता के लिए निरंतर परिश्रम करने का आह्वान किया। उन्होंने छात्रों द्वारा सात दिन तक किए गए स्वच्छता अभियान, पौधा रोपन सहित अनेक कार्यक्रमों की सराहना की और कहा कि यह शुरूआती आगाज है। विश्वविद्यालय इस तरह के कैंम्प का समय-समय पर आयोजन करता रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि शिविर लगाने का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को महात्मा गांधी जी के विचारधारा से जोड़ना है। ताकि वो गाँधी जी के सपनों के भारत का निर्माण कर सकें।  
भारत दुनिया का एक सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। अभी हाल ही में लोकसभा और कई जगह पर विधान सभा के चुनाव भी होने वाले हैं। भारत सरकार की विशेष थीम “मेरा पहला वोट” इस बात का विशेष ध्यान रखते हुए ग्रामीणों के साथ विद्यार्थियों ने एक विशेष संगोष्ठी का आयोजन करके अनुग्रह किया कि हम सभी ने मिलकर यह सोचना है और करना है कि मेरा वोट सबसे पहले पडे। 
विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए गलगोटियास विश्वविद्यालय की डायरेक्टर ऑपरेशन सुश्री आराधना गलगोटिया ने सबसे महत्वपूर्ण विषय पर बोलते हुए कहा कि आज हमें मननीय प्रधानमंत्री जी के प्रसिद्ध स्लोगन का “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ”। का पूरा ध्यान रखना होगा और उनकी बात का ह्रदय से सम्मान करना होगा। प्रधानमंत्री मंत्री जी के इस स्लोगन ने पूरी दुनिया में अपनी एक अलग से ही छाप छोड़ी है और आज पूरे देश में बेटियों का मान बढाया है। बेटियाँ आज दुनिया के सभी क्षेत्रों में चाहे वो विज्ञान का क्षेत्र हो, चाहे वो शिक्षा का क्षेत्र हो, और चाहे वो डिफ़ेंस का क्षेत्र हो और चाहे देश की शरदों की रक्षा का विषय हो, बेटियाँ प्रत्येक क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर अपनी अग्रणी भूमिका निभाकर देश का गौरव बढ़ा रहीं है। ये सब प्रधानमंत्री जी के उस स्लोगन का ही जादू है। जो इतना परिवर्तन देखने के मिल रहा है।