BRAKING NEWS

6/recent/ticker-posts


 

--------‐--किसान आरक्षण बिल लागू हो


चौधरी शौकत अली चेची
सभी देशवासियों के लिए ध्यान देने योग्य  सबसे अहम बिंदु है और जाति और धर्म से उठकर समझने की सही जरूरत  है।  देश में किसान आरक्षण कानून लागू होना चाहिए। किसान नेता सरदार वीएम सिंह ने 6 नवंबर को दिल्ली मे किसानो की मीटिंग में बयान दिया था। इस बयान से मैं 100% सहमत हूं ।  देश की आर्थिक व्यवस्था को किसान लगभग 70% अपने कंधों पर संभाले हुए हैं एवं लगभग 60% किसानों के बेटे देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं और अपने प्राणों की आहुति दे रहे हैं।
 देश में लगभग 80% किसान बताए जाते हैं।  देश की आजादी से पहले या बाद में विदेशी अनाज वह भी रिजेक्ट और समय पर भी आयात नहीं होता था लेकिन हमारे पूर्वजों ने नारा दिया जय जवान ,जय किसान और खेती को बढ़ावा दिया । अनाज, दाल, सब्जी ,फल ,दूध, जड़ी बूटियां ,फर्नीचर, मुर्गी पालन, मछली पालन आदि  में मुख्य भूमिका निभाकर किसान कहलाए देश को तरक्की की तरफ लाकर कृषि प्रधान देश नाम दिया । किसानो की बदौलत भारत का नाम वर्ल्ड में लोकप्रिय है।  कृषि उत्पाद का बड़े पैमाने पर निर्यात हो रहा है । कृषि उत्पाद के बदले आयत हो रहा है, वैसे तो सभी सरकारों ने किसानो की आवाजों को दबाया, लेकिन पिछले लगभग 9 सालों से सत्ता में बैठे लोग लगभग 50 लाख करोड रुपए, किसानो के  माल की सही कीमत नहीं मिलने के कारण डकार गए ।  तीन कृषि बिल के खिलाफ चले आंदोलन के दौरान लगभग 800 किसान शहीद हो गए उनके परिवार को कोई इंसाफ नहीं मिला, मगर लगभग 23000 किसानों पर फर्जी मुकदमे दर्ज किए गए थे। बिल वापसी के दौरान किसानों ने लगभग 17 मांगे रखी ,लेकिन सभी ठंडे बस्ते में चली गई । हर वर्ष लगभग 11000 किसान आत्महत्या कर रहे हैं । माल की कीमत और मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलने के कारण तथा लगभग 50% किसान खेती छोड़ने को मजबूर हैं। सत्ता में आने से पहले किसानो की बात करने वाली राजनीतिक पार्टिया अन्नदाताओं के अधिकार एवं किए गए वादे को भूल जाती हैं और अपने आप को किसान बताने वाले नकली किसान बनकर रह जाते हैं। संविधान में भारत वासियों को मुख्य चार कैटेगरी में बांटा गया है, एससी एसटी ओबीसी माइनॉरिटी इसके अलावा कुछ अन्य शाखाएं बनी है। लेकिन किसान आरक्षण बिल लागू हो जाता है तो देश में ज्यादातर लोग जाति धर्म गोत्र से  ऊपर उठकर  किसान लिखेंगे एवं बताएंगे  जब चारों तरफ किसान का चेहरा ही दिखाई देगा तो राजनीतिक पार्टिया किसान के अधिकार पर अवश्य ध्यान देगे। हर क्षेत्र में यानी की प्राइवेट , सरकारी,  मीडिया, बिजनेस ,सामाजिक, राजनीतिक आदि सभी सेक्टरों में किसान ही नजर आएगा तो जाति और धर्म की नफरत पर भी ब्रेक लगेगा और 80% लोगों को सम्मान अधिकार मिलने की संभावना ज्यादा दिखाई देगी, क्योंकि खेती करने वाले सभी समुदाय के भारतवासी हैं। इसलिए किसान आरक्षण बिल लागू हो, इस आवाज को बुलंद करने की जिम्मेदारी सभी देशवासियों की है । किसान की भागीदारी सभी क्षेत्र में नियम पूर्वक सुनिश्चित होने से देश में अमन चैन तरक्की भाईचारा कायम होकर मानवता को बढ़ावा अवश्य मिलेगा। नफरत की लाठी तोड़ो गंदे लालच का खंजर फेंको ,अपने अधिकार को समझो,  मानवता से आपस में प्रेम करो ,भारत  वाशियो ज्योत से ज्योत जलाते चलो ,प्रेम की गंगा बहाते चलो। जय जवान, जय किसान, जय संविधान ,जय हिंदुस्तान।
लेखक:-चौधरी शौकत अली चेची, राष्ट्रीय महासचिव भाकियू (बलराज) है।