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विश्व पर्यटन दिवस पर ‘‘स्मार्ट पर्यटन और हरित निवेश’’ विषय पर 19 वें एमिटी अंर्तराष्ट्रीय संगोष्ठी


Vision Live/ Noida 
विश्व पर्यटन दिवस पर एमिटी विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ हॉस्पीटैलिटी और टूरिस्म द्वारा टूरिस्म एंड हॉस्पीटैलिटी स्कील काउंसिल के सहयोग से ‘‘स्मार्ट पर्यटन और हरित निवेश’’ विषय पर 19वें एमिटी अंर्तराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन ई टू ब्लाक सभागार, एमिटी विश्वविद्यालय में किया गया। इस संगोष्ठी का शुभारंभ भारत में मॉरिशस के राजदूत महामहिम एच डिलम, ट्रैवल एजेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया की अध्यक्ष सुश्री ज्योती मयाल, इंडिया गोल्फ टूरिस्म एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री राजन सहगल, भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के पूर्व सचिव श्री विनोद जुत्सी, रोसेट ग्रूप ऑफ हॉटेल्स के सीईओ श्री कुश कपूर, हॉटेल स्पाइडर इंडिया की सीओओ सुश्री श्वेता शर्मा, एमिटी ग्रूप वाइस चंासलर डा गुरिदंर सिंह और एमिटी विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ हॉस्पीटैलिटी और टूरिस्म के डीन डा एम सजनानी द्वारा किया गया।
भारत में मॉरिशस के राजदूत महामहिम एच डिलम ने संबोधित करते हुए कहा कि छात्र देश का भविष्य है और उन्हे यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उद्योग तकनीकी का उपयोग करकें विकास करें लेकिन पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल प्रभाव ना डालें। पर्यटन आर्थिक विकास के चालक है। तकनीकी उन्नति के साथ बुनियादी ढांचे का विकास पर्यटन उद्योग के भविष्य को आकार दे सकता है। हाल में ही संपन्न जी 20 शिखर सम्मेलन का विषय वसुधैव कुटुंबकम था जिसका अर्थ एक पृथ्वी एक परिवार है और पर्यटन विश्व को करीब लाने और सीखने के आदान प्रदान को बढ़ावा देने का सबसे अच्छा तरीका है। जब पर्यटन उद्योग में हरित निवेश की बात आती है तो एसएईएस और स्टार्ट अप की भूमिका अभिन्न होती है।
ट्रैवल एजेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया की अध्यक्ष सुश्री ज्योती मयाल ने कहा कि यात्रा और पर्यटन हमे ंनई चीजें सीखने व अपनाने के लिए प्रेरित करते है। वोकल फॉर लोकल और मेक इन इंडिया जैसी पहल स्थायी पर्यटन की चालक है। पर्यटन परिवर्तन के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है और छात्रों को नवीनतम विकास से अवगत रहना चाहिए, ज्ञिज्ञासु रहना चाहिए और सीखना कभी भी बंद नही करना चाहिए। इंडिया गोल्फ टूरिस्म एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री राजन सहगल ने कहा कि छात्रों को उन विशेषज्ञों के हर शब्द को सुनना चाहिए जो आज इस संगोष्ठी में उन्हे संबोधित कर रहे है। उद्योग में उनके अनुभव छात्रों को दूरदर्शी मार्गदर्शन प्रदान कर सकता है। प्रौद्योगिकी को अपनाया जाना चाहिए लेकिन किसी भी प्रौद्योगिकी पर बहुत अधिक निर्भर नही रहना चाहिए और अपने लक्ष्यों की प्राप्त करने के लिए अपने कौशल और रचनात्मकता का उपयोग करना चाहिए।
भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के पूर्व सचिव श्री विनोद जुत्सी ने कहा कि डिजिटल सूचना और सेवाएं, डेटा एनालिटिक्स के माध्यम से वैयक्तिकरण, स्मार्ट परिवहन, पर्यावरण निगरानी और आपदा प्रबंधन, स्मार्ट पर्यटन के लिए विचार किये जाने वाले कुछ आवश्यक कारक है। इसके अलावा टिकाउ पर्यावरण, नवीकरणीय उर्जा सामुदायिक विकास और जिम्मेदार पर्यटन का अभ्यास किया जाना चाहिए ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि प्रकृति का संरक्षण हो और पर्यावरण सभी के लिए सुरक्षित रहे।
रोसेट ग्रूप ऑफ हॉटेल्स के सीईओ श्री कुश कपूर ने छात्रों से कहा कि भारत एक सबसे तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था है और हम पर्यटन सहित हॉस्पटैलिटी के क्ष़्ोत्र में अग्रणी स्थान पर है किंतु इसके उपरांत भी देश में केवल 7 प्रतिशत लोगों के पास पासपोर्ट है इसलिए इस क्षेत्र. में विकास की गुंजाइश अधिक है । यूके और यूएयए ने पहली बार हमारे कार्य करने के लिए दरवाजे खोल है क्योकी आज 10 बड़े कोरपोरेट क्षेत्रों में 90 प्रतिशत भारतीय उच्च पदों पर है। यह एक स्वर्णीम युग है जिसमे आज सभी को गुणवत्ता पूर्ण कौशलयुक्त मानव संसाधन चाहिए और भारत प्रदान कर रहा है।
हॉटेल स्पाइडर इंडिया की सीओओ सुश्री श्वेता शर्मा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि तकनीकी किसी भी उद्योग का अंातरिक भाग होती है। तकनीकी को आत्मसात करना अभी भी आसान नही है किंतु धीरे धीरे उद्योगों द्वारा इसके महत्व को समझा व अपनाया जा रहा है। आज ग्राहक के आने से लेकर उनकी आवभगत हर क्षेत्र में तकनीकी का उपयोग हो रहा है। हमें स्थायी व हरित तकनीकी को अपनाना होगा तभी वैश्विक स्तर पर पर्यटन उद्योग को अग्रणी पंक्ती में खड़ा कर पायेगें।
एमिटी ग्रूप वाइस चंासलर डा गुरिदर सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि इस सम्मेलन में पर्यटन एवं हॉस्पीटैलिटी उद्योग से जुड़े बड़ी संख्या में लोग उपस्थित है। पर्यटन विषय, एमिटी द्वारा शिक्षण प्रदान करने वाला एक प्रमुख विषय है जिसमें हम छात्रों को न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि वैश्विक स्तर पर पाठयक्रम पूर्ण करने का अवसर प्रदान करते है। हम उद्योगों के साथ मिलकर कार्य करते है जिससे छात्रों को उनकी अपेक्षाओं के अनुरूप तैयार किया जा सके। यह संगोष्ठी इस पहल की ओर बढ़ाया गया एक और कदम है।
एमिटी विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ हॉस्पीटैलिटी और टूरिस्म के डीन डा एम सजनानी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि पिछले 18 वर्षो से विश्व पर्यटन दिवस पर इस संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है और इस 19वें वर्ष में जी 20 जिसमे हरित पर्यटन और हरित निवेश एक महत्वपूर्ण मुद्दा थे ने इस संगोष्ठी का और विशेष बना दिया है। प्रदूषण व कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के नये विचार व हरित तकनीकी पर हुए कार्यक्रम में छात्रों को विशेषज्ञों द्वारा प्रदान की गई जानकारियों से अवश्य लाभ होगा।
इस अवसर पर एमिटी लॉ स्कूल के चेयरमैन डा डी के बंद्योपाध्याय ने भी अपने विचार रखे।Bइस अंर्तराष्ट्रीय संगोष्ठी से पूर्व एक ऑनलाइन परिचर्चा सत्र का आयोजन भी किया गया जिसमें हावर्ड विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ बिजनेस के  सेंटर फॉर ग्लोबल बिजनेस स्टडीज के निदेशक डा नरेंद्र के रस्तागी, फिलिपींस वूमेन यूनिवर्सीटी के फैकल्टी ऑफ टूरिस्म, हॉस्पीटैलिटी मैनेजमेंट एंड फूड टेक्नोलॉजी के डीन डा एप्रैमुएल जोस एल एबेलाना, मारा के फैकल्टी ऑफ हॉटेल एंड टूरिस्म मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी टेक्नोलॉजी के डा एंडरसन नग्लाएमबांग, यूएनडब्लूटीओ रियाद सउदी अरेबिया के मैरिन एंड वाइल्डलाइफ सस्टेनेबल टूरिस्म विशेषज्ञ की वरिष्ठ विशेषज्ञ सुश्री माउलिटर सारी हनी, ऑस्ट्रेलिया के अकादमिस ऑस्ट्रालासिया पॉलीटेक्नीक के एसोसिएट डीन डा मोहन दास ने अपने विचार रखे। परिचर्चा सत्र का संचालन एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ ट्रैवेल एंड टूरिस्म के अस्सीटेंट प्रोफेसर डा नरेंद्र कुमार द्वारा किया गया।