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एमिटी विश्वविद्यालय में नशा विरोधी जागरूकता अभियान

Vision Live/Greater Noida 
उत्तर प्रदेश सरकार के दिशानिर्देश पर एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन द्वारा ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ के अंर्तगत युवाओं में मादक द्रव्यों के सेवन से होने वाले नुकसान और रोकथाम के बारे में जागरूक करने के लिए ‘‘नशा विरोधी जागरूकता अभियान’’ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में गौतमबुद्ध नगर के साइबर क्राइम एवं एंटी नारकोटिक्स के डीसीपी श्री आर बी सिंह, शांती होम एडवांस डिएडिक्शन, मेंटल हैल्थ क्लिनिक एंव साइकेट्रिक रिहेबिलिटेशन की मेडिकल निदेशक डा रूपाली पी शिवालकर ने छात्रों को जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन के मार्गदर्शक डा एस के श्रीवास्तव ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम के दौरान छात्रो ने प्रेरित करने वाले गीत, योग प्रस्तुती आदि दी।

गौतमबुद्ध नगर के साइबर क्राइम एवं एंटी नारकोटिक्स के डीसीपी श्री आर बी सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि उन वस्तुओं या नशीले प्रदार्थो से दूर रहे जो शरीर को नुकसान पहुंचाते है। जब हम जीवन जीने की सुचारू पद्धती से हट जाते है तो बुराइयों को अपनाते है जो हमारे शारीरिक व मानसिक स्थिती दोनो को नुकसान पहुंचाती है। व्यायाम के महत्व को बताते हुए श्री सिंह ने कहा कि जो निंरतर व्यायाम करते है वो कभी भी नशे के वस्तुओं के उपयोग के बारे में विचार नही करते है इसलिए व्यायाम सहित योग व प्राणायाम को जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाये। धर्मो में भी कहा गया है जिस व्यक्ति का शरीर रोगी है व स्वंय व परिवार को दुखी रखता है। छात्रों को सलाह देते हुए कहा कि आप शरीर का ध्यान रखे, नशे से दूर रहे कभी भी दुखी नही होगें, शिक्षा का ध्यान रखे कभी फेल नही होगें और संबंधों का ध्यान रखे कभी भी संबंध खराब नही होगें। गलत संगत मेें या दिखावे के लिए, किसी भी ऐसी वस्तुओं का उपयोग ना करे जो आपके भविष्य को बरबाद करे। उन्होनें कहा कि आप युवा ही देश का भविष्य है जिसके बल पर हम विश्व में अग्रणी पायदान पर होगे इसलिए उस राह का अनुसरण करें जो आपको, परिवार को और देश को उन्नती के मार्ग पर ले जाये। श्री सिंह ने कहा कि इस तरह के जागरूकता अभियान छात्रों सहित सभी को जागरूक करने और नशा मुक्त जनपद, राज्य और देश बनाने में सहायक होगा।
शांती होम एडवांस डिएडिक्शन, मेंटल हैल्थ क्लिनिक एंव साइकेट्रिक रिहेबिलिटेशन की मेडिकल निदेशक डा रूपाली पी शिवालकर ने कहा कि रसायनिक पदार्थ जो आपके शरीर व मस्तिष्क को प्रभावित करते है और लंबे समय तक उपयोग करने पर शरीर के अंगों व मस्तिष्क को प्रभावित करते है वो नशीले प्रदार्थ होते है। नशे से जुड़े कुछ मिथक जो समाज मे प्रचलित है वो नशीले प्रदार्थ लेने वाला हर व्यक्ति व्यसनी नही होता, अवैध नशीले पदार्थ ही हानिकारक होते है जबकी वैध नही होते, व्यसनी कभी ठीक नही हो सकते आदि जबकी ऐसा नही है। उन्होनें अपने व्याख्यान में नशीले पदार्थो के प्रकार, उनके प्रभाव को बताते हुए नशा करने वाले व्यक्ति के शारीरिक लक्षण, मानसिक लक्षण, समाजिक व आर्थिक प्रभाव को भी बताया। उन्होने छात्रो ंसे कहा कि नशीले प्रदार्थो के विरोध में स्वंय जागरूक बने और अन्य को भी जागरूक करें।
एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन के मार्गदर्शक डा एस के श्रीवास्तव, ने कहा कि छात्रों को नशीले पदार्थो के सेवन से होने वाले दुष्परिणामों की जानकारी प्रदान करने के लिए इस जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। एमिटी सदैव छात्रों को स्वस्थ जीवनशैली जीने के लिए प्रेरित करता है जिससे वे एक स्वस्थ नागरिक बन कर देश के निर्माण में सहायक बनें। उन्होनें छात्रा सें कहा कि जीवन में योग, प्राणायाम व मेडिटेशन करें और संतुलित भोजन व व्यायाम को अपनायें। स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है इसलिए सदैव नशें को ना कहे और जीवन को हॉं कहे। इस अवसर पर छात्रों सहित सभी शिक्षकों ने नशें को ना कहने और स्वस्थ जीवन को अपनाने की शपथ भी ली। इस कार्यक्रम में एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ फार्मेसी की एसोसिएट प्रोफेसर डा श्वेता बावरी, एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ पब्लिक हैल्थ एंड हॉस्पीटल एडमिनिस्ट्रेशन के निदेशक डा अजय कुमार जैन और एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ पब्लिक हैल्थ की डा साज़िना सईद ने अपने विचार रखे।