चौधरी शौकत अली चेची
देश के किसानों की जायज मांग, सरकारों से अपील देश की तरक्की में अन्नदाताओं का मुख्य योगदान है। बरसात एवं बाढ़ के कारण हुई फसल की बर्बादी पर सरकार अधिकारियों द्वारा सर्वे कराकर उचित मुआवजा दिया जाए। आम की फसल में कम से कम ₹50000 बीघे, गन्ने की फसल ₹10000 बीघे ,फल सब्जी ₹25000 बीघे, धान की फसल ₹10000 बीघे, मक्का बाजरा मूंग ज्वार ₹7000 बीघे आदि फसलों पर किसानों एवं अधिकारियों के बीच सहमति से नुकसान का मुआवजा दिया जाए।
बाढ़ एवं पानी के कारण किसान की अकस्मात मृत्यु होने से किसान के परिवार को कम से कम ₹50 लाख सहायता के रूप में दी जाए। किसान की अन्य संपत्ति बाढ़ एवं बरसात से हुए नुकसान की भरपाई का आकलन कर अनुदान राशि दी जाए। अगली फसल के लिए खाद बीज दवाई मैं भारी सब्सिडी दी जाए एवं डीजल पेट्रोल पर भी किसानों को सब्सिडी दी जाए। किसानों की ट्यूबेल को बिजली पूरी तरह से फ्री की जाए किसानों के सभी कृषि यंत्रों पर सब्सिडी एवं सभी किसानों को सब्सिडी का लाभ दिया जाए। गन्ने का बकाया भुगतान एवं गन्ने का रेट ₹450 किया जाए । हाईवे पर चलने के लिए सभी किसानों को पूरी तरह टोल मुक्त किया जाए। सभी फसलों पर एमएसपी गारंटी कानून लागू किया जाए। गौतमबुद्धनगर के किसानों को 64.7% बकाया मुआवजा, 10% आबादी, बैक लीज, जमीन अधिग्रहण मुआवजे में बढ़ोतरी, अथॉरिटी द्वारा डिवेलप एरिया में किसानों के युवाओं को 50% नौकरी एवं रोजगार दिया जाए एवं किसानों की पुरानी आबादियों को नहीं तोड़ा जाए, तोड़ना आवश्यक है तो किसानों की आबादियों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाए। स्कूल कॉलेजों हॉस्पिटल में किसानों से चार्ज में लगभग 50% की छूट दी जाए।
लेखक: चौधरी शौकत अली चेची राष्ट्रीय महासचिव
भारतीय किसान यूनियन ( बलराज) है।