राष्ट्रीय चैरिटेबल ब्लड सेंटर, नोएडा, स्कूल ऑफ लिबरल एजुकेशन और एनएसएस के तत्वाधान में एक दिवसीय रक्तदान शिविर
विजन लाइव/ गौतमबुद्धनगर
गलगोटिया विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय चैरिटेबल ब्लड सेंटर, नोएडा, स्कूल ऑफ लिबरल एजुकेशन और एनएसएस के तत्वाधान में एक दिवसीय रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन कुलपति प्रो. के. मल्लिकार्जुन बाबू, संजय कुमार त्रिपाठी अध्यक्ष राष्ट्रीय स्वस्थ्य संगठन और कार्यक्रम अध्यक्षा प्रो. अनुराधा पराशर (डीन, स्कूल ऑफ लिबरल एजुकेशन), प्रो. ए.राम पांडे (एन.एस.एस. कार्यक्रम समन्वयक) ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया।
कार्यक्रम अध्यक्ष संजय कुमार त्रिपाठी ने बताया किया कि लोगों द्वारा रक्तदान करने से दिल की सेहत में सुधार, दिल की बीमारियों और स्ट्रोक के खतरे को कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति जब एक यूनिट रक्तदान करता है तो वह चार लोगों की जिंदगी बचाने में सहायक बनता है। रक्तदान के कारण कोई कमजोरी नहीं आती, बल्कि सभी को 56 दिन में एक बार अवश्य ही रक्तदान करना चाहिए। इससे जरूरतमंदों को मदद मिलती है साथ ही शरीर स्वस्थ रहता है।
गलगोटिया विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सुनील गलगोटिया ने कहा कि रक्तदान एक नेक काम है और सेवा तथा सहयोग की हमारी समृद्ध संस्कृति और परंपरा को देखते हुए, मैं विश्वविद्यालय परिवार और छात्रों से आग्रह और अपील करता हूं कि वे रक्तदान अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में आगे आएं और रक्तदान करें। रक्तदान न केवल राष्ट्रीय आवश्यकता को पूरा करता है बल्कि समाज और मानवता के लिए एक महान सेवा भी है। गलगोटिया विश्वविद्यालय के सीईओ धु्रव गलगोटिया ने रक्तदान शिविर के अवसर पर कहा कि शिविर का आयोजन हमारे लिए खुशी व गर्व की बात है। क्योंकि हमारे द्वारा किया गया रक्तदान अनगिनत जिंदगियों को बचा सकता है। इसलिए सभी को समय-समय पर रक्तदान करते रहना चाहिए। अनुराधा गलगोटिया (ऑपरेशन-डाइरेक्टर) ने विश्वविद्यालय में रक्तदान के उपलक्ष्य पर कहा कि रक्त प्राण रक्षक होता है किंतु जीवन रक्षक वो व्यक्ति होता है जो रक्त दाता होता है। रक्तदान कर हम समाज की सेवा कर सकते हैं और यह बहुत पुण्य का कार्य है। गलगोटिया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के. मल्लिकार्जुन बाबू ने कहा कि रक्तदान कर आप किसी के जीवन को बचा सकते है। रक्तदान सभी दानों में सर्वश्रेष्ठ है। उन्होंने छात्रों को रक्तदान करने के लिए प्रेरित किया। ताकि वह जरूरतमंद की मदद कर सके। प्रो. अनुराधा पराशर (डीन, स्कूल ऑफ लिबरल एजुकेशन) ने कहा कि रक्तदान महा दान है। रक्तदान से मनुष्य की खोई हुई जिंदगी को वापस प्राप्त कर सकते हैं। यह पुण्य का काम है जो सबको करना चाहिए। प्रो. ए.राम पांडे ने कहा कि कुछ लोग रक्तदान करने से डरते है, निःसंकोच रक्तदान करना चाहिए। रक्तदान महादान इसलिए है कि अपने जिस्म का अंश, जब आप किसी को देते हैं वो भी जान बचाने के लिए, तभी इसको महादान का दर्जा दिया जाता है। राष्ट्रीय चैरिटेबल ब्लड सेंटर, नोएडा और स्कूल ऑफ लिबरल एजुकेशन की तरफ से सभी रक्तदाताओं को फल, जूस, केक, प्रमाण पत्र के साथ-साथ स्मृति चिह्न प्रदान किया गया। इस अवसर पर गलगोटिया विश्वविद्यालय के छात्रों व शिक्षकों ने बढ़-चढ़कर रक्तदान में हिस्सा लिया। सायं तक चले रक्तदान शिविर में 222 यूनिट रक्तदान हुआ। डॉक्टर की टीम में डॉ. प्रियंका गोयल, डॉ. पुनीत श्रीवास्तव, डॉ. प्रफुल चंद्र ने नेतृत्व में जांच प्ररीक्षण किया गया। रक्तदान शिविर में विभाग के अध्यापकगण प्रो. अंबिका प्रसाद पांडे, डॉ. दिलीप, डॉ. तारीफ, डॉ. आशुतोष, डॉ. सरवन, डॉ. इशरत जहां तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।