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पीजी हाउस ऑनर्स वेलफेयर एसोसिएशन नोएडा (रजिस्टर्ड) की ललकार


पीजी व्यवसायियों का उत्पीड़न गौतमबुद्धनगर में कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा: विशेष त्यागी
मौहम्मद इल्यास- "दनकौरी" / गौतमबुद्धनगर 
कुछ तथाकथित संगठनों के स्वयंसंभू पीजी व्यवसाय को लेकर हो हल्ला बचाने में लगे हुए हैं।  चूंकि गौतमबुद्धनगर न केवल उत्तर प्रदेश का फेस मॉडल है बल्कि भारत देश की मुंबई की तर्ज पर दूसरी आर्थिक राजधानी बनने की ओर अग्रसर है। मेगा एजुकेशन हब होने के नाते यहां दूरदराज से बच्चे शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते हैं। गौतम बुध नगर नोएडा और ग्रेटर नोएडा शहरों में धर्मशाला और हॉस्टल्स की कमी है। यही कारण है कि बड़ी संख्या में छात्र पीजी मे ठहरने को मजबूर होते हैं। इससे एक को दूरदराज से आने वाले छात्रों को रियायती दर पर पीजी में आश्रय मिलता है वही पीजी मालिकों की भी जीविका चलती है। कुछ तथाकथित संगठनों के स्वयं शंभू उल्टी-सीधी शिकायत बात कर पीजी का व्यवसाय कर रहे लोगों के मुंह से निवाला निकालने की कोशिश कर रहे हैं जिसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कहना है नोएडा पीजी हाउस ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष विशेष त्यागी का। पीजी हाउस ऑनर्स वेलफेयर एसोसिएशन नोएडा (रजिस्टर्ड) के अध्यक्ष विशेष त्यागी ने बताया कि गौतमबुद्धनगर के नोएडा शहर में दूरदराज से आने वाले छात्र पीजी में ठहरते हैं। यह नोएडा के पीजी कुछ तथाकथित संगठनों के लोगों को स्वास्थ्य के कारण फूटी आंख भी नहीं सुहा रहे हैं। इसी तरह से नोएडा के सेक्टर 19 में चल रहे एक पीजी की उल्टी-सीधी शिकायत नोएडा प्राधिकरण से की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार के नियम के तहत सभी छात्रों का पुलिस वेरिफिकेशन कराया जाता है और जो भी सरकार के नियम है सभी का पालन किया जाता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1976 जब नोएडा प्राधिकरण की स्थापना हुई थी तो उस समय यहां ऐसा एजुकेशननल और इंडस्ट्रियल हब नहीं था। आज नोएडा अपने मूर्त रूप में आ चुका है। अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर स्थापित नोएडा शहर लगातार नए आयाम स्थापित करता जा रहा है। यही कारण है कि यह की आबादी लगातार बढ़ रही है और इंडस्ट्रियल और एजुकेशन हब भी बनता चला जा रहा है। उन्होंने कहा कि नोएडा शहर में कोई धर्मशाला वगैरह भी नहीं है और जिस हिसाब से हॉस्टल होने चाहिए वह भी नहीं है। इसलिए बाहर से आए छात्रों को पीजी आदि में आश्रय लेना पड़ता है। एक ओर बाहर से आए छात्रों को पीजी में सस्ते दर पर आश्रय मिल जाता है तो वही पीजी व्यवसायियों की जीविका भी चलती है। उन्होंने कहा कि तथाकथित संगठनों के लोग पीजी को अवैध बताकर कार्रवाई कराए जाने की धमकियां देते रहते हैं। पीजी व्यवसाय बिल्कुल भी अवैध नहीं है। मौलिक अधिकारों की श्रंखला में दूसरे सभी व्यवसायओ के साथ पीजी व्यवसाय भी एक संवैधानिक अधिकार है। उन्होंने कहा कि पीजी मे गर्ल पीजी अलग होते हैं और बॉयज पीजी अलग होते हैं। इसके बावजूद भी यदि नोएडा प्राधिकरण अथवा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कोई गाइडलाइन तय करते हैं तो उन सभी का पालन किया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि कुछ समय पहले भी कुछ लोग पीजी व्यवसाय को अवैध बताकर अड़ंगा डालने की कोशिश कर रहे थे। माननीय न्यायालय के द्वारा इस बात को लेकर स्टै दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि सभी पीजी व्यवसायी इस मुद्दे पर एकजुट है। किसी भी पीजी व्यवसाई का कोई भी उत्पीड़न नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में तथाकथित संगठनों के लोग अपने इन हथकंडा से बाज नहीं आते हैं तो पीजी हाउस ऑनर्स वेलफेयर एसोसिएशन नोएडा (रजिस्टर्ड) एक प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही नोएडा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी से मिलेगा और साथ में मुख्यमंत्री को भी इस आशय का ज्ञापन भेजा जाएगा ताकि गौतमबुद्धनगर में सभी पीजी व्यवसाई बिना किसी दिक्कत के अपना व्यवसाय चला सके ।