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ब्रहमताल की ट्रैकिंग कर उपलब्धि हासिलः----ट्रैकिंग कर गौतमबुद्धनगर के 3 वकील वापस लौटे

 


 









ब्रहमताल की ट्रैकिंग कर उपलब्धि हासिलः----ट्रैकिंग कर गौतमबुद्धनगर के 3 वकील वापस लौटे

हिमालय का एक और रत्न जो दुनिया भर के ट्रैकर्स से अछूता है, वो है ब्रह्मताल ट्रैक, जो भगवान ब्रह्मा को है समर्पितः----

पूर्व बार अध्यक्ष संजीव वर्मा एडवोकेट ने वकील साथियों अशोक भाटी और इरशाद अली पूर्व एडीजीसी के साथ ब्रहमताल की सफलता पूर्वक ट्रैकिंग की

मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/गौतमबुद्धनगर

गौतमबुद्धनगर के पूर्व बार अध्यक्ष समेत तीन वकील ब्रहमताल की सफलता पूर्वक ट्रैकिंग करके वापस आए हैं। इनमें गौतमबुद्धनगर के पूर्व बार अध्यक्ष संजीव वर्मा एक साईकिल राईडर भी रह चुके हैं। संजीव वर्मा एडवोकेट ने पूर्व में ग्रेटर नोएडा से गोवा तक और फिर ग्रेटर नोएडा से लेह लद्दाख सबसे उंची पहाडी खारडुंगला तक साईकिल यात्रा कर कीर्तिमान स्थापित कर चुके हैं। इस बार पूर्व बार अध्यक्ष संजीव वर्मा एडवोकेट ने वकील साथियों अशोक भाटी और इरशाद अली पूर्व एडीजीसी के साथ ब्रहमताल की सफलता पूर्वक ट्रैकिंग की है। इनमें अशोक भाटी एडवोकेट सिकंद्राबाद क्षेत्र के भौंखेडा गांव के निवासी है और संजीव वर्मा एडवोकेट के साथ ही सूरजपुर जिला कोर्ट में वकालत करते हैं। गौतमबुद्धनगर के वकीलों संजीव वर्मा, इरशाद अली और अशोक भाटी के अलावा दो प्रॉफ़ेसर डा0 भीकम सिंह पूर्व विभागाध्यक्ष भूगोल, मिहिर भोज महाविदियालय डा0 ईश्वर सिंह  प्रवक्ता हिन्दु कॉलेज, दिल्ली विश्वधायालय, उत्तराखण्ड के चमौली जनपद में लोगाजंग से ब्रह्मतल ट्रेक सफलता पूर्वक करके आए हैं। ट्रेकर्स संजीव वर्मा एडवोकेट, अशोक भाटी और इरशाद अली ने ’’विजन लाइव’’ डिजिटल मीडिया को बताया कि यह ट्रेक 8 दिन का था जिसके ब्रह्मतल समिट 28 को 14800 फीट की ऊँचाई पे पूर्ण की गई। इस दौरान सभी अन्य सहभागियों के साथ 24 ट्रेकर और शामिल रहे जो कि देश के विभिन्न प्रदेशों से आये थे तथा उनमें 7 लड़कियाँ भीं थीं। सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि यह ट्रेक दुर्गम पहाड़ियों से घने जंगल से होते हुए जिनमें ओक के और बुरास के  पेड़ थे और बुरास उत्तराखण्ड का राजकीय पौधा है। ट्रेक के तीसरे दिन भीकल ताल में पहाड़ी के  मध्य टेंटों में और अगले दिन ब्रह्मतल में ताल के निकट टेंटों में रहे और  वहाँ के बारे में कैम्प लीडर पंकज त्यागी ने बताया कि यह बहुत पवित्र भूमि है यहाँ पर ब्रह्म जी ने तपस्या की थी और साथ ही चारो वेदों की रचना की थी। ब्रह्म जी इसी ताल में स्नान किया करते थे पाँचवे दिन ब्रह्मतल ट्रेक की समिट थी, सूर्यौदय के साथ 14500 फीट ऊँचाईं पे त्रिशूल पहाड़ के साथ और इसके लिए सभी सुबह 3 बजे तैयार होकर अन्धेरे में दुर्गम पहाड़ी पे चढें और सभी प्रतिभागियों ने यह यात्रा सफलतापूर्वक पूर्ण की और जो सूर्याउदय का विहंगम अद्भुत दृश्य देखा वह बहुत सुंदर था। इसके उपरांत सभी ट्रेकर झण्डी टोप पे पहुँचें  फिर वहीं और दोपहर का भोजन किया और बेगम टॉक कैंप पे रात्रि टेंट में विश्राम् किया और अंतिम दिन यूथ हॉस्टल्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के बेस कैम्प में रुके और उसी दिन सुबह सभी को प्रमाण पात्र वितरित किए गये और फिर वापसी के लिए चल दिए। उन्होंन ब्रहमताल की सफलता पूर्वक ट्रैकिंग का जिक्र पूरा करते हुए यह भी बताया कि लोहाजंग से थराली कर्णप्रयाग अलकनंदा पिंडारी नदी का संगम से होते हुए देवप्रायग भागीरथी अलकनंदा का संगम से ऋषिकेश पहुंचे और फिर हरिद्वार और नीड एक्सप्रेस से होते हुए वापस 30 दिसंबर-2022 को सभी ग्रेटर नोएडा जिला गौतमबुद्धनगर सकुशल लौट आए। इनमें डा भीकम सिंह 60 वर्ष 15 ट्रैक, अशोक भाटी 54 वर्ष 7 ट्रेक, इरशाद 52 वर्ष 7 ट्रेक, संजीव वर्मा 50 वर्ष 13 ट्रेक और डा ईश्वर सिंह 48 वर्ष 20 ट्रेक और अन्य सभी ट्रेकर की आयु 22.30 वर्ष थी। ये सभी पिछले कई वर्षों से कश्मीर की घाटियां और पहाड़ियों में कश्मीर ग्रेट लेक ट्रेक, हिमाचल में कई और उत्तराखंड में बहुत ट्रेक कर चुके









दोस्तों के साथ जाने के लिए परफेक्ट है ब्रह्मताल ट्रैक, चलिए विस्तार से इससे जुडी सारी जानकारियां बतातें हैं, फिर तैयार हो जाइए ब्रह्मताल ट्रैकिंग के लिएः-----

 हिमालय का एक और रत्न जो दुनिया भर के ट्रैकर्स से अछूता है, वो है ब्रह्मताल ट्रैक, जो भगवान ब्रह्मा को है समर्पितः----हिमालय का एक और रत्न जो दुनिया भर के ट्रैकर्स से अछूता है, वो है ब्रह्मताल ट्रैक, जो भगवान ब्रह्मा को समर्पित है। यह हिमालय के बीच खूबसूरती से स्थित है और बर्फ की चादरों से ढका हुआ है। ब्रह्मताल ट्रैक सुंदर घाटियों, शांत बस्तियों, नदियों और ओक के जंगलों के रास्तों से ले जाता है। सर्दियों में ये क्षेत्र बर्फ से ढका रहता है, जहां से हिमालय की खूबसूरती को देखने वाला हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाता है। चलिए आपको इस ट्रैक से जुडी और अन्य जानकारियां देते हैं।

ब्रह्मताल ट्रैक से जुड़े कुछ तथ्यः

अवधिः- 6 दिन 5 रात में आप इस ट्रैक को पूरा कर सकते हैं

ब्रह्मताल ट्रैक की दूरीः- 22 किलीमीटर

ब्रह्मताल ट्रैक की ऊंचाईः- 12,150 फीट

ब्रह्मताल  ट्रैक कठिनाई स्तरः मध्यम

तापमानः दिन- ;8 डिग्री सेल्सियस से 15 डिग्री सेल्सियस और रातः ;0 डिग्री सेल्सियस से .7 डिग्री सेल्सियस

ब्रह्मताल ट्रैक के लिए सबसे अच्छा समयः दिसंबर से मार्च

निकटतम रेलवे स्टेशनः काठगोदाम रेलवे स्टेशन

निकटतम हवाई अड्डाः जॉली ग्रांट हवाई अड्डा, देहरादून

प्रारंभ/अंत बिंदुः काठगोदम

 

कैसे पहुंचें काठगोदमः-

ट्रेन सेः-काठगोदम स्टेशन जिले के मुख्य स्टेशनों में से एक है और यह एक पुराना स्टेशन है। इसकी कई जगहों से अच्छी कनेक्टिविटी है और इनमें लखनऊ, दिल्ली और हावड़ा शामिल हैं।

हवाई मार्ग सेः काठगोदम का निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर हवाई अड्डा है जो काठगोदम से 32 किमी की दूरी पर स्थित है। हवाई अड्डा दिल्ली से अच्छे से जुड़ा हुआ है। हवाई अड्डे से काठगोदाम के लिए टैक्सी आसानी से उपलब्ध हैं।

बस द्वाराः- आईएसबीटी दिल्ली आनंद विहार स्टेशन से काठगोदम के लिए नियमित बसें चलती हैं। नैनीताल जाने वाली बसें हल्द्वानी में रुकती हैं, जो काठगोदम का जुड़वां शहर है और 8 घंटे की यात्रा होती है। आमतौर पर, बसें आपको हल्द्वानी बस स्टेशन पर छोड़ देती हैं। वहां से आपको काठगोदम रेलवे स्टेशन आना होगा जो कि 4 किमी दूर है। आप आईएसबीटी आनंद विहार से सरकारी बसें लेकर जा सकते हैं।

 


ब्रह्मताल ट्रैक पैकेज में शामिलः-ये पैकेज ऑर्गनाइजर पर भी निर्भर करते हैं, लेकिन ज्यादातर यही समान पैकेज हर ऑर्गनाइजर द्वारा दिए जाते हैं।

आवासः-गेस्ट हाउस, होम स्टे, कैम्पिंग,यात्रा के दौरान खाना शाकाहारी

ट्रैक उपकरणः-स्लीपिंग बैग, गद्दा, किचन और डाइनिंग टेंट, क्रैम्पन, बर्तन, टेंट

ब्रह्मताल ट्रैक पैकेज में सभी आवश्यक परमिट और प्रवेश शुल्क शामिल होते हैं।

प्राथमिक चिकित्सा किट, स्ट्रेचर और ऑक्सीजन सिलेंडर।

पर्वतारोहण योग्य और पेशेवर ट्रैक लीडर, गाइड और सपोर्ट स्टाफ।

काठगोदम से लोहाजंग तक और वापसी के लिए परिवहन।

 

 


 जानिए ब्रह्मताल ट्रेक का संक्षिप्त यात्रा कार्यक्रमः-


दिन 1- पहले लोहाजंग में पहुंचना 

दिन 2- बेखल ताल के लिए ट्रैक

दिन 3- ब्रह्मताल के लिए ट्रैक

दिन 4- फिर जत्रोपानी चोटी के लिए ट्रैक और फिर ब्रह्मताल के लिए वापसी

दिन 5- लोहाजंगो तक ट्रैक

दिन 6- देहरादून से वापसी







ब्रह्मताल ट्रैक ट्रैवल टिप्सः-

ब्रह्मताल की यात्रा आसान से मध्यम है, लेकिन यदि आप अनुभवहीन हैं, तो कम से कम एक महीने पहले अपने शरीर को ट्रैकिंग के लिए तैयार कर लें। आखिरी एटीएम लोहाजंग से 25 किलोमीटर पहले देवल में है, जिसमें ज्यादातर समय नकदी नहीं रहती। अच्छा होगा अगर आप हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून, काठगोदम, अल्मोड़ा या कौसानी से पहले से ही कैश निकाल लें। ट्रैकिंग के लिए अपने साथ एक गाइड भी जरूर लेकर जाएं। मानसून के मौसम में ट्रैकिंग करने से बचें क्योंकि यहां ट्रकिंग मार्ग फिसलन भरा हो जाता है और इस दौरान क्षेत्र में भूस्खलन और रोड ब्लॉक हो जाते हैं। पहाड़ों के बीच में, दो या दो से अधिक के समूह में यात्रा करें। अकेले ट्रैकिंग करना अप्रत्याशित और जोखिम भरा हो सकता है। साथ ही, घर में किसी को लौटने का समय भी जरूर बताएं। ब्रह्मताल के लिए ट्रैकिंग मार्ग में गर्मियों के दौरान आसान और सर्दियों के दौरान मध्यम मार्ग शामिल हैं। बीएसएनएल, एयरटेल, वोडाफोन सहित सभी प्रमुख मोबाइल नेटवर्क लोहाजंग में 4 जी इंटरनेट के साथ काम करते हैं। लोहाजंग के आगे आपको कोई नेटवर्क नहीं मिलेगा।

विशेष आभार साहित स्रोतः-- नवभारत टाईम्स :-

( दोस्तों के साथ जाने के लिए परफेक्ट है ब्रह्मताल ट्रैकए यहां पाइए इससे जुडी सारी जानकारी )

Curated by Sapna Singh | Navbharat Times | Updated: 13 Aug 2021, 3:28 pm