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गुर्जर महोत्सव -2022, मे सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक विरासत की झलक


    आर्ट एंड कल्चरल ट्रस्ट की ओर से गुर्जर महोत्सव-2022 का आयोजन फरीदाबाद में 23-24 को आयोजित होगा: श्रीमती मंजू नागर
मौहम्मद इल्यास- "दनकौरी" / गौतमबुद्धनगर
गुर्जर महाकुंभ में भारी तादाद में लोग शामिल होने जा रहे हैं। इनमें गुर्जरों की राजधानी माने जाने वाले गौतमबुद्धनगर से भी गुर्जर सरदार भारी संख्या में भाग लेंगे। दूध के कारोबार में बड़ा नाम बन चुके लखीराम नागर परिवार से उनकी पुत्रवधू श्रीमती मंजू नागर भी बड़ी जिम्मेदारी के साथ सहभागिता निभा रही हैं। श्रीमती मंजू नागर पत्नी विजेंद्र नागर महाराजा फूड एग्रो लिमिटेड में प्रबंध निदेशक के पद पर भी तैनात हैं, साथ में समृद्धि नागर फाउंडेशन की चेयरमैन भी है। समृद्धि नागर फाउंडेशन गरीब और बेसहारा लोगों की मदद के लिए आगे आकर काम करता रहा है। गुर्जर समाज में एंटरप्रेन्योरशिप का लोहा मनवा चुकी श्रीमती मंजू नागर ने बताया कि  गुर्जर महोत्सव-2022 का आयोजन 23-24 दिसम्बर को फरीदाबाद के सूरजकुंड मेला मैदान में आयोजित होगा।
 जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से व विदेशों में निवास करने वाले समाज के लोग बड़ी संख्या में भाग लेंगे। उन्होंने  समारोह की जानकारी देते हुए बताया कि आर्ट एंड कल्चरल ट्रस्ट की ओर से गुर्जर महोत्सव-2022 का आयोजन किया जा रहा है। इसे सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक विरासत की झलक नाम दिया गया है। आयोजन 23-24 दिसंबर को फरीदाबाद के सूरजकुंड मेला ग्राउंड में होगा। जिसमें महिलाओं की भूमिका अग्रणी होगी। गुर्जर समाज की महिला किसी भी दूसरे समाज से कम नहीं है बल्कि हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही हैं। मेले में गुर्जर संस्कृति के सभी आयामों को दिखाया जाएगा।  इस कार्यक्रम में कश्मीर से कर्नाटक तक गुर्जर समाज के लोक गीत, लोक नृत्य, रहन सहन, खानपान, परिधान और आभूषण से भी परिचित कराया जाएगा। इस दौरान गुर्जर जाति की समृद्ध संस्कृति, इतिहास कला और विरासत के बारे में भी झांकी और प्रदर्शनी के जरिए जानकारी दी जाएगी।

 के दौरान चार प्रमुख विशेष आकर्षण गुर्जर सांस्कृति प्रदर्शनी, सांस्कृतिक विरासत एवं गौरवशाली इतिहास, हमारे लोक नृत्य संगीत और कला और हमारे शुद्ध देसी व्यंजन होंगे। उन्होंने बताया कि इस महोत्सव की पूरी जिम्मेदारी महिलाओं की होगी। जो अब आगे आकर गुर्जर जाति का विभिन्न क्षेत्रों में नाम रोशन कर रही है।  अब प्रत्येक साल इस तरह का आयोजन किया जाएगा। इस बार सूरज कुंड मेला मैदान फरीदाबाद में किया जा रहा है। लेकिन आगामी सालों में अन्य स्थानों पर भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। ताकि लोग गुर्जर समाज की संस्कृति और उसके इतिहास से वाकिफ हो सके।