विजन लाइव/ ग्रेटर नोएडा
जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल स्वर्ण नगरी ग्रेटर नोएडा में अभिभावको के लिए कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला का संचालन विद्यालय की अध्यापिकाओ द्वारा किया गया। अध्यापिकाओं ने बताया की बच्चों को आजादी देना चाहिए इससे उनमें सोचने-समझने का विकास होता है। बच्चों को जब आप काम की आजादी देंगे तो उनकी क्रिएटिविटी में निखार आएगा वे अपनी प्रॉब्लम्स आपसे शेयर करेंगे और आप दोनों के बीच की बॉन्डिंग भी अच्छी होगी. जन्म के बाद शिशु का मस्तिष्क तेज़ी से विकसित होता है और उसका शारीरिक मानसिक तथा भावनात्मक स्वास्थ्य सीखने की क्षमता और व्यस्क होने पर उसकी कमाने की क्षमता और सफलता को भी प्रभावित करता है। कार्यशाला में माता-पिता का मार्गदर्शन किया और उनके प्रश्नों का समाधान भी किया। कार्यशाला में बताया गया की माता-पिता को बच्चों के लिए अधिक से अधिक अपना मूल्यवान समय दें तथा उनके साथ वार्तालाप उपलब्ध करने हेतू उन्हें प्रेरित करें। उन्होंने सभी स्तरों पर इस बात पर बल दिया कि बच्चों को कहां प्रोत्साहित किया जाए और कहां हतोत्साहित किया जाए। माता-पिता स्वयं मर्यादित और संस्कार वाला जीवन जिये। तभी बच्चों को नैतिक धार्मिक संस्कार बचपन से सिखाएं जा सकते हैं। माता-पिता युवाओं को संस्कारों की शिक्षा देने वाले प्रथम गुरु होते है। संस्कार के बिना मर्यादा वाला जीवन नहीं बन सकता। अंत में विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ रेनू सहगल ने अभिभावकों को बच्चों की परवरिश के लिए अपने अनुभव को साँझा किया और अभिभावकों को उनके तथा उनके बच्चों के सुखद भविष्य की कामना की।