बिग ब्रेकिंगः---- तत्कालीन एसडीएम, तहसीलदार समेत 8 कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर के आदेश
वोट काटे जाने के मामले में तत्कालीन तहसीलदार, तहसीलदार और उपजिलाधिकारी और पांच अन्य कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने के आदेश
मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/ग्रेटर नोएडा
गौतमबुद्धनगर में एक दलित महिला का वोटर लिस्ट से नाम काटना प्रशासन को मंहगा पड गया है। दलित महिला ने इस मामले की पहले शिकायत पुलिस से की, जब पुलिस ने मामले को हवा में ही उडा दिया तो फिर महिला ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। गौतमबुद्धनगर जिला कोर्ट ने अब तत्कालीन तहसीलदार, तहसीलदार और उपजिलाधिकारी और पांच अन्य कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने के आदेश दिए है। यह वोट काटे जाने का मामला दनकौर थाना क्षेत्र के रोशनपुर गांव का है। कोर्ट के आदेश पर अब थाना दनकौर पुलिस वोट काटे जाने के मामले में तत्कालीन तहसीलदार, तहसीलदार और उपजिलाधिकारी और पांच अन्य कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करेगी। गौतमबुद्ध नगर 28 नवम्बर विधान सभा चुनाव 2022 में अनुसूचित जाति की महिला का नाम मतदाता सूची से डीलिट कर उसे मतदान के संवैधानिक अधिकार से वंचित करने एवं कूट रचित मतदाता सूची बना कर उसका चुनाव में उपयोग करने के मामले में विशेष न्यायाधीश एससी. एसटी. कोर्ट की न्यायाधीश जो ज्योत्ना सिंह है, तहसील जेवर के तत्कालीन तहसीलदार विनय कुमार भदोरिया एवं अखिलेश कुमार और उप जिलाधिकारी रजनीकांत एवं पाँच अज्ञात के विरूद्ध एससी, एसटी एक्ट सहित सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना करने के आदेश थाना प्रभारी, थाना दनकौर को दिये है।
रोशनपुर, तहसील गौतमबुद्ध नगर, जनपद गौतमबुद्ध नगर निवासी हेमलता ने विधान सभा चुनाव 2022 में अपना वोट काटने की शिकायत थाना दनकौर को करके तत्कालीन एसडीएम एवं तहसीलदार के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत करने की मांग की थी, थाने पर कोई कार्यवाही नही हुई तो पुलिस को शिकायत की फिर भी कार्यवाही नही हुई तो हेमलता ने गौतमबुद्धनगर
तहसील के तत्कालीन तहसीलदार विनय कुमार भदोरिया एवं तहसीलदार अखिलेश सिंह और उप जिलाधिकारी रजनीकांत के विरुद्ध विशेष न्यायाधीश एससी एसटी कोर्ट में भा.द.स. की धारा 420, 467, 468, 471, 120बी, 166 167, एवं 3(2)5. 3 (1) ठ. अ, आ एससी एसटी एक्ट में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। हेमलता का आरोप है कि तत्कालीन एसडीएम एवं तहसीलदार ने अपने पद का दुरपयोग कर मुझे छोटी जाति का समझते हुये मतदाता सूची में मेरे नाम के सामने डिलिट की मोहर लगाकर मुझे मतदान के संवैधानिक अधिकार से वंचित कर दिया। अधिकारियों ने कूट रचित मतदाता सूची बनायी और उसका चुनाव में उपयोग किया गया। जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर ने भारत निवार्चन आयोग को कुट रचित प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया। इस मतदाता सूची का परीक्षण कर लिया गया है इसमे कोई त्रुटि नही है और न ही किसी व्यक्ति का नाम छुटा हैं।
गौतमबुद्ध नगर कोर्ट में हेमलता के एडवोकेट प्रदीप भारती ने बताया
कि इस संविधान के आर्टीकल 324 के अनुसार मतदाता सूची बनाना एवं स्वतंत्र निष्पक्ष एवं पादर्शी चुनाव कराना भारत चुनाव अयोग की ड्यूटी है। मतदाता सूची से मृतक डुप्लीकेट एवं ऐसे अस्थायी निवासी जो स्थान परिवर्तित कर चुके हो के नाम ही नतदाता सूची से काटे जा सकते और ऐसे मतदाता के नाम काटने से पूर्व ही पन्द्रह दिन का पंजीकृत डाक (With AD) से नोटिस देना अनिवार्य है। नोटिस का जवाब न आने के बाद एसडीएम तहसीलदार मौके पर स्थलीय सत्यापन करके ही किसी मृतक, डुप्लीकेट एवं अस्थायी निवासी का नाम मतदाता सूची से काट सकते है। हेमलता रोशनपुर गाँव की स्थायी निवासी है, निर्वाचन आयोग के नियमों का उलंघन करके हेमलता का नाम अधिकारियों ने अपने पद का दुरपयोग और जातीये द्वेष के चलते काटा गया है। एडवोकेट
प्रदीप भारती ने बताया कि हेमलता का 156 (3) द.प्र.सं. का प्रार्थना-पत्र विशेष न्यायाधीश एससी, एसटी. एक्ट गौतमबुद्ध नगर ज्योत्ना सिहं ने स्वीकार कर लिया है और तत्कालीन तहसीलदार विनय कुमार भदोरिया एवं तहसीलदार अखिलेश सिंह और उप जिलाधिकारी रजनीकांत एवं पाँच अज्ञात के विरूद्ध एससी एसटी एक्ट मे मुकदमा पंजीकृत कर अविलम्ब विवेचना करने के आदेश पारित किये हैं।