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चलो गांव की ओर............. कार्यक्रम के तहत ’’विजन लाइव’’ ने स्मार्ट विलेज तिलपता कर्णवास का सूरत-ए-हाल जाना

 

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स्मार्ट विलेज तिलपता कर्णवास का सूरत--हाल

चलो गांव की ओर......................................

चलो गांव की ओर............. कार्यक्रम के तहत ’’विजन लाइव’’ ने स्मार्ट विलेज तिलपता कर्णवास का सूरत--हाल जाना

स्मार्ट विलेज योजना के तहत किसी गांव में स्ट्रीट लाइटों के लिए अलग से पूरा प्रोजेक्ट बनाया जाता है और अलग से बजट सेंक्शन होता है, मगर यहां गांव में दिखावे के लिए कुछ स्ट्रीट लाईटें लगी है जब कि कागजों में पूरा गोलमाल किया गया है। यदि जांच की जाए तो एक बडा स्ट्रीट लाईट घोटाला प्रकाश में सकता है और कई अफसरों तक की भी गर्दन फंस सकती है। स्ट्रीट लाईट घोटाले में कार्यवाही के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ समेत मुख्यमंत्री को भी जरूर पत्र लिखते हुए मांग करेंगेः सुखवीर सिंह आर्य वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अखिल भारतीय गुर्जर महासभा

 

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मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/ग्रेटर नोएडा

ग्रेटर नोएडा में जब से ग्राम पंचायतों का आसित्व समाप्त हुआ है, विकास की तस्वीर धुंधली होती जा रही है। ग्रामीणों को बुनियादी सुविधाओं तक के लिए भी तरसना पड रहा है। स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए लोगों को दूर महंगे निजी हास्पिटलों में लुटना पडता है। ऐसे गांव जहां उप स्वास्थ्य केंद्र के भवन है, खंडहर बने हुए हैं जिनकी कोई सुध लेना वाला नही है। साफ सफाई की व्यवस्था भी लचर है, जिससे नालियां और गांव के तालाब अटे पडे हुए हैं और जलभराव होकर सडता रहता है। पथ प्रकाश की व्यवस्था सिर्फ कागजों में सिमटी हुई है। वैसे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के जिम्मे अधिग्रहित गांवों के विकास का जिम्मा है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण गांवों के विकास के लिए सीवर, नाली और रोड और लाईटों के काम करवाता है, मगर रखरखाव के अभाव में यह सब जीरो साबित हो जाता है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अफसरों का ज्यादातर ध्यान सेक्टरों और पॉश इलाकों तक ही लगता है। सरकार की स्मार्ट विलेज योजना में सेक्टरों की तर्ज पर गांवों का विकास कराया जाना है। ग्रेटर नोएडा में कई गांव स्मार्ट विलेज योजना के तहत विकसित कराए जाने हैं। 

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बताया गया है कि इस स्मार्ट विलेज योजना के तहत ग्रेटर नोएडा क्षेत्र का महत्वपूर्ण गांव तिलपता कर्णवास भी है। तिलपता कर्णवास गांव की बात करें तो यहां मल्टीनेशनल डेंसी कंपनी भी हजारों को लोगों को रोजगार दिए हुए हैं और साथ ही देश का बडा कंटेनर डिपो भी है। तिलपता कर्णवास गांव नोएडा दादरी रोड पर और दादरी रेलवे स्टेशन से चंद कदम की दूरी पर बसा हुआ है। चलो गांव की ओर............. कार्यक्रम के तहत ’’विजन लाइव’’ ने स्मार्ट विलेज तिलपता कर्णवास का सूरत--हाल जाना। तिलपता कर्णवास गांव में डेसों गोल चक्कर की ओर से आगे चले, तो दादरी नोएडा रोड ताल तलैया के रूप में तब्दील दिखाई दिया। नालियां अवरूद्ध और सारा पानी रोड पर फैल कर उफान ले रहा था। दादरी नोएडा रोड, इलाके का आधा तिलपता कर्णवास गांव इस जलभराव की चपेट में आता हुआ दिखाई दिया। थोडा आगे चले तो नहर खरपतावर से अटी पडी हुई थी। कैलाशपुर की ओर से मकोडा गांव की ओर जाने वाली नहर की जाने कब से साफ सफाई हुई है? इसकी साफ तस्वीर दिखाई दी।

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इस नहर में पानी तो जहां तंहा रहा, कूडा कचरा और खर पतवार उगी हुई दिखाई दी। यही नहीं जहरीले जानवरों और मच्छरों के बढते हुए प्रकोप ने लोगों की अलग से नींद उडा कर रखी हुई है। कंटेनर डिपो की वजह से यहां भारी वाहन दनदनाते हुए गुजरते हुए दिखाई देते हैं। गांव के बीच से होकर गुजरते हुए इन कंटेनरों से कई बडी दुर्घटनाएं हो चुकी है और कई लोगों की जानें तक भी जा चुकी है। ग्रामीणों ने कई बार, गांव से बाहर बाईपास बनाने की भी मांगे रखी हैं। बाईपास तो बनना दूर रहा, स्पीड ब्रेकर कुछ चुनिंदा स्थानों पर बना कर इतिश्री मान ली गई है। जब कि गांव में मंदिर, नहर और भारतीय आदर्श इंटर कॉलेज वैदिक कन्या इंटर कॉलेज के सामने स्पीड ब्रेकर नही बनाए गए। लाईटों की बात करें तो स्ट्रीट लाइट कुछ ही खंभों पर नजर आई। जब स्मार्ट विलेज पर बुनियादी सुविधाओं को लेकर आवाज बुंलद करते रहे वरिष्ठ समाजसेवी अखिल भारतीय गुर्जर महासभा के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष सुखवीर सिंह आर्य से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि तिलपता कर्णवास गांव इस क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण गांव माना जाता है। स्मार्ट विलेज योजना में इस गांव को चिन्हित किया हुआ है और कागजों मेंं ही विकास कार्य हो रहे हैं, मगर विकास की हकीकत सबके सामने हैं। उन्होंने बताया कि डेंसों की ओर से आधा गांव जलभराव के कारण पानी में डूबा हुआ है। कारण नालियां छोटी है और कब से साफ सफाई नही हुई है? इससे सारा पानी नोएडा दादरी रोड पर फैल कर ग्रामीणों के घरों तक घुस आया है।  उन्होंने बताया कि इन नालियों को बडे नालों के रूप में तब्दील किया जाए और यूपीएसआईडीसी की ओर बने बडे नाले से कनेक्ट किया जाए तो समस्या हल हो सकती है। 

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स्पीड ब्रेकर का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने बताया कि कई बार शिकायत की गई तो कुछ चुंनिदा स्थानों पर स्पीड ब्रेकर लगा कर खानापूर्ति कर ली, जब कि मंदिर के पास, नहर पुलिया और कॉलेज के सामने जरूर स्पीड ब्रेकर लगाए जाने चाहिए। उन्होंने बताया कि गांव के बीच से होकर नहर जाती है इसकी साफ सफाई ग्रामीणों ने आपस में चंद इकट्ठा कर कराई थी। अब फिर घास और खरपतवार होने के चलते यहां सांप, बिच्छु जैसे जहरीले जानवर पैदा हो रहे हैं जो हर रोज घरों में घुस जाते हैं। स्ट्रीट लाइट के मुद्दे पर तिलपता कर्णवास निवासी समाजसेवी सुखवीर सिंह आर्य ने बताया कि स्मार्ट विलेज योजना में पूरे गांव में पोल लगा कर स्ट्रीट लाइटें लगाई जानी थी, मगर पुराने और झूलते हुए खंभो कर कुछ स्ट्रीट लाइटें लगा कर कागजी खाना पूर्ति करके दिखा दी गई।

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उन्होंने बताया कि स्मार्ट विलेज योजना के तहत किसी गांव में स्ट्रीट लाइटों के लिए अलग से पूरा प्रोजेक्ट बनाया जाता है और अलग से बजट सेंक्शन होता है, मगर यहां गांव में दिखावे के लिए कुछ स्ट्रीट लाईटें लगी है जब कि कागजों में पूरा गोलमाल किया गया है। यदि जांच की जाए तो एक बडा स्ट्रीट लाईट घोटाला प्रकाश में सकता है और कई अफसरों तक की भी गर्दन फंस सकती है। उन्होंने कहा कि स्ट्रीट लाईट घोटाले में कार्यवाही के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ समेत मुख्यमंत्री को भी जरूर पत्र लिखते हुए मांग करेंगे।