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विजन लाइव/ ग्रेटर नोएडा
कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के अधीन कार्यरत मीडिया एंड एंटरटेनमेंट स्किल्स काउंसिल (एमईएससी) द्वारा मीडिया और मनोरंजन के क्षेत्र में करियर बनाने वाले युवाओं के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मीकैट (मीडिया एंड एंटरटेनमेंट क्रिएटिव एप्टीट्यूट टेस्ट) का शुभारंभ किया गया। इस मौके पर 500 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधि, विषय विशेषज्ञ और विद्यार्थी मौजूद थे। कार्यक्रम में बतौर एमएसडीई के सचिव राजेश अग्रवाल, फिक्की एवीजीसी के चेयरमैन आशीष कुलकर्णी, लक्ष्य डिजिटल के सीईओ मानवेंद्र शुकुल, ऐपटेक लिमिटेड के विशाल मेहरा, फिक्की के डायरेक्टर राजेश पंकज और एमईएससी के सीईओ मोहित सोनी मौजूद थे। इस कार्यक्रम में देशभर में 100 से अधिक जॉब फेयर और करियर काउंसलिंग सेशन की भी शुरुआत की गई। राजेश अग्रवाल, सचिव, एमएसडीई ने कहा: एमईएससी द्वारा डिजाइन किया गया एप्टीट्यूट टेस्ट मीकैट कौशल शिक्षा जगत में क्रांतिकारी कदम है। इससे युवाओं के साथ इंडस्ट्री को भी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि अब हर क्षेत्र में इस तरह के डिजाइन थिंकिंग की जरूरत है, ताकि युवा भी अपने अंदर के कौशल को समझ सके। एमईएससी द्वारा इंडस्ट्री के साथ मिलकर मीकैट और 100 से अधिक जॉब मेले की शुरुआत एक प्रभावी कदम है। सुभाष घई, एमईएससी के चेयरमैन और मुक्ता आर्ट एवं विसलिंग वुड्स इंटरनेशनल के चेयरमैन ने अपने वीडियो मैसेज के जरिये एमईएससी टीम को बधाई दी और कहा मीकैट भारतीय क्रिएटिव शिक्षा जगत में यह मील का पत्थर साबित होगा। यह विद्यार्थियों को सही दिशा में करियर के चयन करने में मददगार साबित होगा।
मोहित सोनी, सीईओ, एमईएससी ने कहा: मीकैट को मीडिया और मनोरंजन उद्योग को विकास की ओर ले जाने की दृष्टि से बनाया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य सही योग्यता और रचनात्मक झुकाव वाले सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवारों की पहचान करना और मीकैट स्कोर के अनुसार सही कोर्स में प्रशिक्षण लेने में मदद करना है। आशीष कुलकर्णी, चेयरमैन, फिक्की एवीजीसी और पुनर्युग के फाउंडर ने कहा कि क्रिएटिव आर्ट, परफॉर्मिंग आर्ट, राइटिंग स्किल, डिजाइन आदि हमारी इंडस्ट्री की जरूरत है। मीकैट के जरिये युवाओं को अपने अंदर इस कौशल को परखने का मौका मिलेगा। मीकैट एमईएससी की एक बेहतरीन पहल है, जो नई पीढ़ी को करियर के संभावित रास्ते दिखाने में मदद करेगी। करियर विकल्पों की पहचान और समय पर काउंसलिंग समय की मांग है।
मीकैट भारतीय शिक्षा और स्किलिंग इको-सिस्टम के छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों, और कौशल संस्थानों आदि के लिए क्रांतिकारी कदम साबित होगा और क्रिएटिव इंडस्ट्री को साइंस और कॉमर्स के तर्ज पर स्थापित करने में मदद मिलेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 अब छठी कक्षा से 12वीं कक्षा तक के स्कूली छात्रों को व्यावसायिक रचनात्मक कार्यक्रमों को मुख्यधारा में लेने की अनुमति देती है। ऐसे में मीकैट की शुरुआत समय की जरूरत है। मानवेंद्र शुकुल, सीईओ लक्ष्य डिजिटल ने गेमिंग सेक्टर के लिए मीकैट को जरूरी बताया।