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सूरजपुर में प्राचीनकालीन ऐतिहासिक बाराही मेला.2022 सातवां दिन-बोस ऐसी साडी ला दे, हो जिसकी चमक निराली। रागनी प्रस्तुत करते हुए जमकर तालियां बटोरी

 


 


सूरजपुर में प्राचीनकालीन ऐतिहासिक बाराही मेला.2022 सातवां दिन-- बलेराम बैंसला, रविंद्र बैंसला, संध्या चौधरी, कंचन, कविता चौधरी, दीप्ती रावत आदि कलाकारों की रही रागनियांं की धूम

 

 


 


उत्तर प्रदेश पिछडा वर्ग आयोग के सदस्य बिजेंद्र सिंह भाटी मुख्य अतिथि के तौर पर और कवियत्री अंजलि शिशौदिया विशिष्ठ अतिथि के तौर पर बाराही मेले में पहुंची


 


बलेराम बैंसला ने देश भक्ति पर आधारित नेताजी सुभाष चंद्र बोस से प्रसंग से. -बोस ऐसी साडी ला दे, हो जिसकी चमक निराली। रागनी प्रस्तुत करते हुए जमकर तालियां बटोरी

 



एसबीएस पैथोलॉजी लैब एंव हैल्थ केयर द्वारा बाराही मेले में बांटे चुके हैं, करीब निशुल्क 3000 मॉस्क

 




मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/सूरजपुर

सूरजपुर में चल रहे प्राचीन ऐतिहासिक बाराही मेला.2022 के   सातवें दिन बुद्धवार को प्रति दिन की भांति बाराही मेले के सर्वोत्तम मंच संस्कृति मंच से रात्रिकालीन कार्यक्रमों की शुरूआत सरस्वती वंदना और आरती के साथ हुई। रागनियों के रंगारंग कार्यक्रमों में बलेराम बैंसला, रविंद्र बैंसला, संध्या चौधरी, कंचन, कविता चौधरी, दीप्ती रावत आदि कलाकारों की रागनियों की धूम रही।  उत्तर प्रदेश पिछडा वर्ग आयोग के सदस्य बिजेंद्र सिंह भाटी मुख्य अतिथि के तौर पर और कवियत्री अंजलि शिशौदिया विशिष्ठ अतिथि के तौर पर बाराही मेले में पहुंची। शिव मंदिर मेला समिति के अध्यक्ष चौधरी धर्मपाल भाटी प्रधान, महासचिव ओमवीर बैंसला, कोषाध्यक्ष लक्ष्मण सिंघल, मीडिया प्रभारी मूलचंद शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष बिजेंद्र सिंह ठेकेदार, उपाध्यक्ष जगदीश भाटी एडवोकेट, संरक्षक टेकचंद प्रधान और सुभाष शर्मा, विशाल गोयल, गौरव नागर, महाराज सिंह उर्फ पप्पू, राजपाल भडाना आदि पदाधिकारियों ने अतिथिगणों का माल्यापर्ण कर स्वागत करते हुए स्मृति चिन्ह भेंट किए। मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश पिछडा वर्ग आयोग के सदस्य बिजेंद्र सिंह भाटी ने प्राचीनकालीन बाराही मेला प्रांगण स्थल पर भव्य मंदिर निमार्ण के लिए 21000 रूपये दिए जाने की घोषणा करते हुए कहा कि सूरजपुर का यह ऐतिहासिक बाराही मेला संस्कृति और कला को जोडने वाला है। पहले यह मेला 2. दिन का हुआ करता था मगर अब शिव मंदिर मेला समिति के अथक प्रयासांं से करीब 15 दिन का हो गया है, इसके लिए मेला समिति बधाई की पात्र है। जब कि कवियत्री अंजलि शिशौदिया ने ...भारत मां से प्यार लिखूंगी, एक नही सौ बार लिखूगीं गीत प्रस्तुत करते हुए बाराही मेला.2022 के महत्व पर प्रकाश डाला। वहीं अतिथि ऋतिक चौहान ने भी बाराही मंदिर निमार्ण के लिए 1100 रूपये दिए जाने की घोषणा की। बलेराम बैंसला और रविंद्र बैंसला एंड पार्टी के कलाकरांं ने एक से बढ कर एक रागनियों की प्रस्तुति दी। संध्या चौधरी ने शिव मंदिर मेला समिति महासचिव ओमवीर बैंसला द्वारा रचित .चेत्र का महीना बहना, मेला लगा से, बहना आई पूर्णमासी, चलो बाराही माता धाम को, संग की सहेली सारी जा रही, माता की महिमा मिल कर गा रहीं. भजन प्रस्तुत किया। बलेराम बैंसला ने देश भक्ति पर आधारित नेताजी सुभाष चंद्र बोस से प्रंसग से. बोस ऐसी साडी ला दे, हो जिसकी चमक निराली। रागनी प्रस्तुत करते हुए जमकर तालियां बटोरीं। संध्या चौधरी और रविंद्र बैंसला ने कई रागनियांं की प्रस्तुति दी। कविता चौधरी ने बलेराम बैंसला संग रागनी प्रस्तुत की। संध्या चौधरी ने. गलत बोल कर माता पिता का जिगर दुखना चाहिए मार्मिक रागनी प्रस्तुत की। वहीं दूसरी ओर कविता चौधरी, दीप्ती रावत और कुमारी रीना ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुत करते हुए दर्शकों का दिल जीत लिया। नवोदित कलाकार शोहित शर्मा ने बेहतर रागनी प्रस्तुत की। वहीं बाराही मेले में एसबीएस पैथोलॉजी लैब एंव हैल्थ केयर द्वारा स्टॉल लगाया गया है जहां लोगों को निशुल्क मास्क का वितरण किया जा रहा है और साथ ही सैनाईज भी कराया जा रहा है।


एसबीएस पैथोलॉजी लैब एंव हैल्थ केयर के डा0 रवि प्रताप सिंह ने बताया कि बाराही मेला.2022 में निशुल्क मॉस्क का वितरण और साथ ही सैनाईज भी कराया जा रहा है। अब तक करीब 3000 मॉस्क निशुल्क बांटे जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि साथ ही आकस्मिक दुर्घटना जैसे चोट लग जाना, मोच जाना, चक्कर जाना आदि दिक्कतों के लिए भी हैल्थ डेस्क तैयार हैं। उन्होंने बताया कि कोविड.19 के बढते हुए मामलों को लेकर विशेष सतकर्तता बरती जा रही है। खांसी जुकाम जैसे मामलों में जरूरी दवाईयां दी जा रही हैं और ऐसे लोग जिन्हें कोविड.19 जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, जांच के लिए सलाह दी जाती हैं।  मीडिया प्रभारी मूलचंद शर्मा ने बताया कि दिनांक 22 अप्रैल.2022 शुक्रवार की सांय हरियाणा और राजस्थान के कलाकारों तथा विभिन्न स्कूलां द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। जब कि रात्रिकालीन रागनियों के रंगारंग कार्यक्रमों में उपेंद्र राणा,सोनू सम्राट, काजल तंवर, पायल चौधरी और वैशाली आदि कलाकार खास प्रस्तुतियां देंगे। उन्होंने बताया कि बाराही मेले के अंतिम दिन 26 अप्रैल को दोपहर 2.30 बजे से 101 रूपये से लेकर 31000 रूपये तक के दंगल में दूर दूर से आकर पहलवान अपनी मल्ल कला का प्रदर्शन करेंगे।  इस मौके पर कार्यक्रम मे चौधरी धर्मपाल भाटी प्रधान, ओमवीर बैंसला, लक्ष्मण सिंघल, मूलचंद शर्मा और पवन जिंदल, धर्मवीर तंवर, महाराज सिंह उर्फ पप्पू, हरिकिशन, ब्रहम सिंह नागर, राकेश बैंसला, तोलाराम, राजवीर शर्मा, राजपाल भडाना, सुभाष शर्मा, रवि भाटी, देवेंद्र देवधर आदि मेला समिति के पदाधिकारी और गणमान्यजन उपस्थित रहे।

 

 

विशेष आर्कषणः....चमत्कारिक सरोवर में स्नान करने से दूर हो जाते हैं, चर्म रोग  

 


प्राचीन बाराही मेला प्रांगण में एक सरोवर बना हुआ है। माना जाता है कि इस सरोवर में स्नान कर लेने भर से ही चर्म रोग छू मंतर हो जाते है। बाराही मेले के मौके पर यह सरोवर विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। सरोवर की गहराई 10 फीट तक है, इसका निमार्ण मंदिर स्थापित होने समय से ही माना जाता है। शिव मंदिर मेला समिति के प्रयासों से अब सरोवर का सौंदर्यकरण भी कराया जा चुका है। बताया जाता है कि क्षेत्र में 12 कोस की दल दल हुआ करती थी, यहां पानी जमीन से उबाला लिया करता था। किवदंति यह भी बनी हुई है कि कासना से लेकर सूरजपुर तक नौलखा बाग हुआ करता था। इस बाग में घूमने के लिए कासना की राजकुमारी निहालदे आया करती थीं। इस सरोवर में राजकुमारी निहालदे अपनी सखियों के साथ स्नान आदि भी किया करती थी। शिव मंदिर मेला समिति के अध्यक्ष चौधरी धर्मपाल भाटी प्रधान, महामंत्री ओमवीर बैंसला और कोषाध्यक्ष लक्ष्मण सिंघल बताते हैं कि इस क्षेत्र को आल्हा उदल का रण क्षेत्र भी माना जाता है। यहां आल्हा उदल के कई युद्ध हुए और इतना लहू बहा कि यहां से बहते हुए नाले का नाम ही लहुया खार और अब लोहिया खार कहा जाने लगा है। उन्होंने बताया कि सरोवर में स्नान करने से चर्म रोग दूर हो जाते हैं। दाद खाज या खुजली हो जाती है, तो आज भी यह प्रथा प्रचलित है कि कपडे लत्ते आदि सामग्री उठावनी के तौर पर रख लिया करते हैं और जब माता बाराही देवी का यह मेला आता है, उसे सरोवर में आर्पित कर दिया जाता है। दूसरे कसबो में बूढे बाबू के मेले पर उठावनी आदि दी जाती है मगर यहां पर बारही मेले पर ऐसा होता है। सरोवर में स्नान के लिए बच्चे खूब अठखेलियां करते नजर आते हैं।