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शुगर, थायराइड और हृदय रोगों से बचने के उपाय बताएं

 

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कृष्णा हॉस्पिटल एवं जच्चा बच्चा केंद्र दनकौर में निशुल्क चिकित्सा शिविर व सेमिनार संपन्न

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डा0 शैलेंद्र कुमार सीनियर कंसलटेंट फिजिशन फील्ड  ऑफ इंटरेस्ट डायबटोलॉजी थायरॉयड एंड हार्ट डिजीज ने शुगर के प्रकार और होने वाले विकारों तथा बचाव को लेकर विस्तार से प्रकाश डाला।

 


डा0 नीलम सैनी डायटशियन ने खान पान की उचित व्यवस्था के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला 



विजन लाइव/दनकौर

कृष्णा हॉस्पिटल एवं जच्चा बच्चा केंद्र दनकौर में निशुल्क चिकित्सा शिविर व सेमिनार संपन्न हुआ। निशुल्क चिकित्सा शिविर में शुगर, थायराइड और हृदय रोगों से संबंधित जांच की गई और साथ ही जरूरी दवाईयों का भी वितरण किया गया। शुगर, थायराइड और हृदय रोगों से बचने के उपायों की जागरूकता को लेकर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में डा0 शैलेंद्र कुमार सीनियर कंसलटेंट फिजिशन फील्ड  ऑफ इंटरेस्ट डायबटोलॉजी थायरॉयड एंड हार्ट डिजीज ने शुगर के प्रकार और होने वाले विकारों तथा बचाव को लेकर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होने बताया कि शरीर में पैक्रियाज यानी अग्नाश्य इंसुलिन का उत्पादन करना बंद या फिर कम कर देता है तब ब्लड में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने लगता है। अगर इस स्तर को कंट्रोल ना किया जाए तो हम शुगर के रोगी बन जाते हैं। डायबिटीज दो तरह की होती है। टाइप.1 और टाइप.2, इनमें टाइप.1 डायबिटीज वह है जो हमें अनुवांशिक तौर पर होती है। यानी जब किसी के परिवार में मम्मी.पापा, दादी.दादा में से किसी को शुगर की बीमारी रही हो तो ऐसे व्यक्ति में इस बीमारी की आशंका कई गुना बढ़ जाती है। यदि किसी व्यक्ति को वंशानुगत कारणों से डायबिटीज होती है तो इसे टाइप.1 डायबिटीज कहा जाता है। जबकि कुछ लोगों में गलत लाइफस्टाइल और खान.पान के कारण यह बीमारी घर कर जाती है। इस स्थिति को टाइप.2 डायबिटीज कहते हैं। डायबिटीज टाइप.1 की समस्या किसी बच्चे में जन्म से भी देखने को मिल सकती है। या बहुत कम उम्र में भी यह बच्चे को अपनी गिरफ्त में ले सकती है। इस स्थिति में शरीर के अंदर इंसुलिन बिल्कुल नहीं बनता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वंशानुगत कारणों से पैंक्रियाज में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है। यह एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है। यानी इसमें
अपने ही शरीर की कुछ कोशिकाएं दूसरी कोशिकाओं के दुश्मन की तरह रिऐक्ट करती हैं और उन पर हमला करके उन्हें नष्ट कर देती हैं। डायबिटीज टाइप.
1 में शरीर की कुछ कोशिकाएं हमारे पैक्रियाज यानी अग्नाश्य की कोशिकाओं पर हमला करके इंसुलिन के उत्पादन को बाधित कर देती हैं। इससे रक्त में शुगर की मात्रा बढ़ने लगती है। डायबिटीज टाइप. 2 बहुत


अधिक फैट, हाई बीपी, समय पर ना सोना, सुबह देर तक सोना, बहुत अधिक नशा करना और निष्क्रिय जीवनशैली के कारण भी होती है। डायबिटीज टाइप. 2 का एक कारण शरीर में इंसुलिन कम बनना भी होता है। ऐसा कुछ शारीरिक कारणों या गलत खान.पान के कारण भी हो सकता है। इंसुलिन कम बनने से रक्त में मौजूद कोशिकाएं इस हॉर्मोन के प्रति बहुत कम संवेदनशीलता दिखाती हैं। इस कारण भी रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने लगती है और व्यक्ति डायबिटीज टाइप.2 का शिकार हो जाता है। जब अग्नाश्य इंसुलिन नाम का हॉर्मोन बनाता है तो शुगर या ग्लूकोज हमारे ब्लड में फ्लो नहीं करता। बल्कि ऊर्जा के रूप में शरीर में स्टोर हो जाता है। इसकी मात्रा बढ़ने लगती है तब हम कहते हैं कि फैट बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि. जब शरीर को ऊर्जा की जरूरत होती है और हम कुछ खा नहीं पाते हैं तब हमारा शरीर इस स्टोर फैट का उपयोग करता है। ताकि सभी अंग ठीक से काम करते रहें। लेकिन इंसुलिन के अभाव में शुगर कोशिकाओं में स्टोर ना होकर ब्लड में ही घूमती रहती है। इससे रक्त में मौजूद रेड ब्लड सेल और वाइड ब्लड सेल अपना काम नहीं कर पाती हैं और जिससे हमें जल्दी.जल्दी बीमारियां होने लगती हैं और मामूली बीमारी को ठीक होने में भी लंबा वक्त लग जाता है। डा0 कृष्णवीर सिंह मलिक चेयरमैन कृष्णा हॉस्पिटल व जच्चा बच्चा केंद्र एंव अल्ट्रासाउंड सेंटर दनकौर ने कहा कि निशुल्क चिकित्सा शिविर का उद्देश्य गरीब और बेसहारा लोगों को शुगर, थायराइड और हृदय रोगों से संबंधित जानकारी प्रदान कर चिकित्सा सुविधाए मुहैया कराना है। इस दो दिवसीय निशुल्क चिकित्सा शिविर का क्षेत्र के  लोग ने बडी संख्या में आकर लाभ उठा रहे हैं। भविष्य में भी इसी प्रकार निशुल्क चिकित्सा शिविर आयोजित किए जाते रहेंगे। डा0 कनिका भट्ट स्त्री रोग विशेषज्ञ व एक्स मेडिकल ऑफिसर श्री कृष्णा लाईफ लाइन ग्रेटर नोएडा ने गर्भवती महिलाओं में शुगर, थायराइड और हृदय रोगों की पहचान, कारण और बचाव के उपाय बताए। डा0 नीलम सैनी डायटशियन ने खान पान की उचित व्यवस्था के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। डा0 राकेश कुमार त्यागी जनरल फिजिशयन ने शुगर, थायराइड और हृदय रोगों के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। डा0 चौधरी एसबी सिंह ने आधुनिक जीवन शैली और खान पान को कई तरह की बीमारियों का कारण ठहराया। इस मौके पर चौधरी गजेंद्र सिंह नागर, चौधरी वेदपाल मलिक, डा0 तब्बसुम, केशव मलिक, दीक्षा मलिक, सोनिया, मुज्जमिल खान, बिट्टू, नरेंद्र नागर अतिथिगण और स्टॉफकर्मी मौजूद रहे।