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कृषि कानून को लेकर उत्तर प्रदेश में अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन शुरू

 

उत्तर प्रदेश में गांव-गांव हर जिलों में अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन आंदोलन किया जाएगा: चौधरी शौकत अली चेची
विजन लाइव/ ग्रेटर नोएडा
उत्तर प्रदेश के 22 संगठनों के नेताओं ने 21 फरवरी को दिल्ली में बैठक कर उत्तर प्रदेश किसान मजदूर मोर्चा का गठन किया और 23 फरवरी को प्रेस क्लब इंडिया दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऐलान किया कि कृषि बिल कानून के विरोध में 1 मार्च 2021 से पूरे उत्तर प्रदेश में गांव-गांव हर जिलों में अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन आंदोलन किया जाएगा। आज दिनांक 1/3 /2021 को उत्तर प्रदेश किसान मजदूर मोर्चा के तत्वाधान में तीनों कृषि कानून वापस हो, सभी फसलों पर एमएसपी गारंटी कानून बनाया जाए और गन्ना मूल्य 450 प्रति कुंटल किया जाए, मनरेगा को खेती से जोड़ा जाए, पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस, बिजली बिल आदि की बढ़ी दरों को वापस लिया जाए। इन सभी मांगों को लेकर ग्राम कैमराला चक्रसेनपुर देवी मंदिर पर किसानों का अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन आंदोलन जारी किया गया जिसमें पांच किसान रोजाना क्रमिक अनशन पर रहेंगे। आज अनशन पर सविंदर भाटी, राजू बैंसला, नरेंद्र भाटी, सतीश भाटी, विजेंद्र भाटी अनशन पर रहे। भारतीय किसान यूनियन बलराज के राष्ट्रीय अध्यक्ष बलराज भाटी ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए यह कानून किसानों पर जबरजस्ती थोपना चाहती है, लेकिन किसान ऐसा नहीं होने देंगे, जब तक किसानों की मांगें नहीं मानी जाती पूरे उत्तर प्रदेश के हर गांव में किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। उत्तर प्रदेश अध्यक्ष चौधरी शौकत अली चेची ने अपने संबोधन में कहा कि  केंद्र सरकार तानाशाही रवैया अपनाकर जय जवान जय किसान के नारे को धूमिल करने पर तुली है।  अन्नदाता  का अपमान किया जा रहा है  देश की आर्थिक व्यवस्था को अन्नदाता अपने कंधों पर संभाले हुए हैं लेकिन सरकार निजी स्वार्थ में किसानों को अपमानित  कर अलगाववादी, पाकिस्तानी, देशद्रोही, संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज किए गए। अब तक लगभग 280 किसान धरना में शहीद हो चुके हैं, उनके प्रति कोई सहानुभूति नहीं, जबकि संविधान में जायज हक का अधिकार सभी देशवासियों को दिया है। उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन बड़ा रूप बनेगा। इस मौके पर 
 टेकराम, चतर सिंह, मेहरा जी, सोनू मावी, ओम सिंह, जसवीर, रोहित भाटी, मनोज भाटी, जगबीर, धीर सिंह भाटी, महकेस भाटी, अनूप भाटी, श्री चंद, हरेंद्र भाटी आदि काफी संख्या में किसान मौजूद रहे।