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गौतमबुद्धनगर में धडल्ले से चल रहे हैं बगैर मान्यता के पब्लिक स्कूल

 



अभिभावकों लूटते हैं, कई तरह के हथकंडे अपना कर बगैर मान्यता के स्कूल संचालक

 


बगैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के खिलाफ कार्यवाही करके बंद कराएं, ताकि मान्यता प्राप्त स्कूलों का नुकसान होने से बच सकेः 0 शिव कुमार आर्य

 


मौहम्मद इल्यास/गौतमबुद्धनगर

-----------------------------------गौतमबुद्धनगर में बगैर मान्यता के पब्लिक स्कूल धडल्ले से चल रहे हैं। गली कुचे और मुहल्लों में कुकरमुत्तों की तरह उग आने वाले इन स्कूलों मेंं बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। ज्यादातर स्कूलों के पास मान्यता है ही नही। जब कि कुछ स्कूल संचालक दूसरे मान्यता प्राप्त स्कूलों से गठजोड बनाए हुए हैं। ये स्कूल टी.सी के नाम पर अभिभावकों को जमकर लूटते है। जब अभिभावकों को पता चलता है कि बच्चा तो पास हो गया है और अब अगली क्लास मेंं दूसरे स्कूलों में एडशिमन करना है तो बगैर मान्यता के स्कूल संचालक कई तरह के हथकंडे अपना कर लूटते हैं। इसके साथ ही ट्यूशन फीस, एनुअल चार्ज आदि कई तरह के बहाने बना कर अभिभावकों को लूटा जाता है। अभिभावकों के साथ ही दूसरा बुरा प्रभाव मान्यता प्राप्त स्कूलों पर भी पड रहा है। पब्लिक स्कूल की मान्यता के लिए संचालकों को ऐडी चोटी का पसीना बहाना पडता है और वहीं नजदीक गली कुचे में बगैर मान्यता स्कूल खुल जाता है तो फिर सारी मेहनत पर पानी फिर जाता है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा, दादरी की ऐसे कालौनी जहां मजदूर तबके के लोग ज्यादा रहते हैं वहां बगैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की बढी संख्या देखने को मिलती है। इसके अलावा कसबों और गांवों में भी बगैर मान्यता प्राप्त स्कूल चल रहे हैं। जारचा, दनकौर, बिलासपुर, मंडीश्यामनगर, रबूपुरा और जेवर आदि क्षेत्रों में बगैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की पौ बारह हो रही है। और तो और गौतमबुद्धनगर प्रशासन की नाक तले ही यह गौरखधंधा जमकर चल रहा है। सूरजपुर में जिला मुख्यालय स्थित है और जहां पर जिला स्तर के सभी अधिकारी बैठते हैं मगर फिर भी दिए तले अंधरा है। सूरजपुर कसबे में ही बगैर मान्यता के दर्जनों की संख्या में पब्लिक स्कूल चल रहे हैं। दीक्षा पब्लिक स्कूल सूरजपुर के चेयरमैन प0 शिव कुमार आर्य ने बताया कि सूरजपुर कसबे के गली मुहल्लों में बगैर मान्यता के कई स्कूल चल रहे हैं। इसका सबसे ज्यादा नुकसान मान्यता प्राप्त स्कूलों के संचालकों को उठाना पड रहा है। ज्यादातर बच्चे बगैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की ओर रूख कर रहे हैं और मान्यता प्राप्त स्कूल खाली पडे हुए हैं। उन्होंने मांग की है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी जरूर इन बगैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के खिलाफ कार्यवाही करके बंद कराएं, ताकि मान्यता प्राप्त स्कूलों का नुकसान होने से बच सके।