BRAKING NEWS

6/recent/ticker-posts

Header Add

भारतीय संस्कृति का प्रतीक अन्नदाता किसान इंसाफ की जंग हारेगा या जीतेगा देखना बाकी है

 


कर्म फल किस को इंसाफ देगा, इतिहास रचेगा व हठधर्मी का भूत किस पर भारी पड़ेगा?

 


चौधरी शौकत अली चेची

---------------------------


 किसान जिस दर्द को लेकर जागता है उसी दर्द को लेकर सोता है। देश आजादी से पहले और अब तक अपने हक के लिए आंदोलन, धरना प्रदर्शन करता आ रहा है। किसान की समस्याओं को कुछ सरकारों ने गंभीरता से लिया लेकिन वर्तमान सरकार अंधी, गूंगी और साबित हो चुकी है। यही नहीं अन्नदाता को अब तो आतंकवादी, अलगाववादी, खालिस्तानी और पाकिस्तानी आदि नामों से पुकार कर खूब अपमानित किया जा रहा है।  यहां समझना यह भी होगा धर्म और संविधान को किसने बनाया और क्यों बनाया? अच्छाई और सच्चाई को समझने के लिए दिल दिमाग पर उल्टा चश्मा चंद लोग क्यों चढ़ा देते हैं? भारत की पावन भूमि पर औलिया, पैगंबर, अवतार, देवी देवता, महापुरुष, शूरवीर और बुद्धिजीवी प्रकट हुए अपना कर्म कर धर्म ग्रंथों व इतिहासो में तरक्की और बर्बादी की कहानियां छोड़ कर चले गए लेकिन बुद्धि हीनता की प्रकाष्ठा निजी स्वार्थी चंद लोगों की बदौलत भूल भुलैया में गुम हो रही हैं, जिसका मुख्य कारण जाति धर्म की द्वेष भावना बर्बादी का अंबार खड़ा कर रही है। गहराई से समझना होगा। ऊपर वाले ने 84 लाख योनियो में इंसान को सर्वश्रेष्ठ बनाया है। फिर सत्ता में आने के बाद यह सब क्यों भूल गए कि जनता जनार्दन होती है। कहावत पुरानी है कि ऊपर वाले की लाठी में आवाज नहीं होती इंसाफ होता है समय आने पर जिसे कर्मफल कहा जाता है अब समझना यह होगा कर्म फल किस को इंसाफ देगा इतिहास रचेगा हठधर्मी का भूत किस पर भारी पड़ेगा। पिछले 7 सालों में देश की आर्थिक स्थिति कमजोर होती ही जा रही है, आंदोलन धरना प्रदर्शन विरोध अपने शबाब पर रहे हैं। नोटबंदी, जीएसटी, गोरक्षा, बूचड़खाना, तीन तलाक, धारा 370, मंदिर मस्जिद यह कोई उपलब्धि हैं क्या? इस ठिठुरती और कंपकपाती हुई हाडतोड ठंड मेंं सडकों पर रात गुजा रहा मेहनती, ईमानदार, पुण्यकारी, परोपकारी तथा देश की रीड भारतीय संस्कृति का प्रतीक अन्नदाता किसान इंसाफ की जंग हारेगा या जीतेगा देखना बाकी है?

लेखकः- चौधरी शौकत अली चेची भारतीय किसान यूनियन ( बलराज  ) के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष  हैं।