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बालिकाओं को चाकू से बचाव करना सिखाया गया व गन से बचाव करना सिखाया गया

 





 

मिशन शक्ति के तहत वृहद स्तर पर कार्यक्रम आयोजित कर महिलाओं एवं बालिकाओं को जागरूक किया गया




यदि दुश्मन पीछे से गन लगाता है तो हमें सीधा पैर पीछे ले जाते हुए हाथ को कंट्रोल करते हुए पैर की तकनीक से नीचे दुश्मन को गिराना है

 


विजन लाइव/गौतमबुद्धनगर

उत्तर प्रदेश सरकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रम मिशन शक्ति के तहत मिशन शक्ति की नोडल अधिकारी रितु माहेश्वरी एवं जिलाधिकारी सुहास एल.वाई.् के नेतृत्व में वृहद स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करते हुए महिलाओं एवं बालिकाओं को जागरूक किया जा रहा है। मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं एवं बालिकाओं के संबंध में नारी सशक्तिकरण/सम्मान के लिए चलाये जा रहे विशेष अभियान मिशन शक्ति के तहत शुक्रवार को खेल विभाग गौतमबुद्धनगर एवं दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल के संयुक्त तत्वाधान में कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार सिंह की अध्यक्षता में किया गया। कार्यक्रम में जनपद के अधिकारीगणों द्वारा जूम एप के माध्यम से वर्कशॉप की गई, जिसमें मुख्य विकास अधिकारी ने मिशन शक्ति का आगाज करते हुए महिलाओं बालिकाओं को देवी अष्टभुजा का स्वरूप बताकर कहा कि सक्षम एवं निर्भय महिला सशक्त भारत को आगे बढ़ाने के लिए अति आवश्यक है। हमें केवल बालिकाओं को ही सशक्त करने की आवश्यकता है अपितु बालकों में भी संस्कार देना अति आवश्यक है। दिल्ली वर्ल्ड पब्लिक स्कूल की प्राचार्य ज्योति अरोडा के द्वारा बच्चों को प्रेरणा दी गई। उन्होंने कहा कि सशक्त भारत को आगे बढ़ाने में दोनों ही बालक एवं बालिकाओं का योगदान है। उप क्रीड़ा अधिकारी कुमारी पूनम विश्नोई ने राष्ट्रीय युवा पुरस्कार विजेता रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार से सम्मानित बालिकाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय गौरव का हमें गर्व होना चाहिए कि मैं भारतीय हूं भारत का नाम भारत दुष्यंत पुत्र भरत के नाम पर पड़ा है जो बाल्यकाल में सिंह के साथ खेला करते थे। सिंधु की औलाद कभी कायर नहीं हो सकती। कृतित्व, सतीत्व व्यक्तित्व का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए हमें अपनी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं करना चाहिए। झांसी की रानी का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए बालिकाओं से पूछा गया की रानी लक्ष्मीबाई की सहेली कौन थी। बालिकाओं ने जवाब दिया बरछी ढाल कटारी यही उसकी सहेली थी। नाना के संग खेली थी नाना के संग खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी खूब लड़ी मरदानी मरदानी वह तो झांसी वाली रानी थी। इस प्रकार इतिहास का ज्ञान कराया गया। आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देते हुए कुमारी पूनम विश्नोई उप क्रीड़ा अधिकारी गौतमबुद्धनगर द्वारा यह भी बताया गया की हमें पहले स्थिति को स्वीकारना है तभी हम इसका हल निकाल सकते हैं। इस मौके पर बालिकाओं को चाकू से बचाव करना सिखाया गया व गन से बचाव करना सिखाया गया। यदि दुश्मन पीछे से गन लगाता है तो हमें सीधा पैर पीछे ले जाते हुए हाथ को कंट्रोल करते हुए पैर की तकनीक से नीचे दुश्मन को गिराना है। छोटी उंगली का बचाव करना भी सिखाया गया। यदि एक बालिका को 4 लोग पकड़ लेते हैं तो हाथ की पकड़ चेंज करना सिखाया गया। 600 प्रतिभागियों ने  बालिकाओं महिलाओं ने आत्मरक्षा एवं बालिकाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार से सम्मानित कुमारी पूनम विश्नोई उप क्रीड़ा अधिकारी गौतमबुद्धनगर द्वारा बालिकाओं को सेल्फडिफेंस करने हेतु प्रशिक्षण/जानकारी दी। प्रशिक्षण में बालिकाओं/लडकियों को महिला संबधी अपराधों में जानकारी/बचाव के बारे में बताया गया। इस कार्यक्रम में लगभग 600 से अधिक बालिकाओं और महिलाओं ने भाग लिया। प्रशिक्षण में अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी आरती वर्मा, सलोनी राणा, रेभा विश्नोई के द्वारा सहयोग प्रदान किया गया। आयोजित महत्वपूर्ण ऑनलाइन कार्यशाला में लीगल एडवाइजर स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया गीता शर्मा के द्वारा भी भाग लिया गया। अंत में तन समर्पित मन समर्पित और यह जीवन समर्पित चाहती हूं मातृभूमि तुझे अभी कुछ और भी दूं इन शब्दों से कुमारी पूनम विश्नोई ने बालिकाओं एवं महिलाओं में शक्ति का संचार किया।