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अमरपुर जागीर गांव में कूडा घर नही बल्कि एम.आर.एफ. सेंटर, गीले कचरे से बनेगा जैविक खाद

 



कचरा प्रबंधन के लिए खुलेगा एम.आर.एफ. सेंटर, गीले कचरे से बनेगा जैविक खादः मास्टर अजय कुमार भाटी

 


मौहम्मद इल्यास/ग्रेटर नोएडा ---------------------------------------


अमरपुर जागीर गांव में ग्रामीण कूडाघर बनाए जाने के विरोध में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम समाज की करीब 10 बीघा भूमि पर दनकौर नगर पंचायत का कूडाघर बनाए जाने के लिए डीएम की ओर से मंजूरी दे दी गई है। कूडाघर बनाए जाने से यहां पर प्रदूषण के बारे में लोगों का जीना दूभर हो जाएगा। जहां कूडाघर बनाए जाने का प्रस्ताव है वहां पर दनकौर से अमरपुर और कई गांवों के लिए मैन रास्ता गुजरता है और साथ ही गांव का शमशान भी है। इसके साथ ही सुरपटेक हाउंसिंग सोसायटी और नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी और गलगोटिया यूनिवर्सिटी जैसे कई शैक्षिक संस्थान भी चंद कदम की दूरी पर स्थित हैं। यहां ग्रामीण कूडाघर बनाए जाने के विरोध में गत 8 अक्टूबर-2020 से ही अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं। रविवार को गौतमबुद्धनगर के कांग्रेस जिलाध्यक्ष मनोज चौधरी भी धरना स्थल पर पहुंचे और धरनारत ग्रामीणों को अपना पूरा समर्थन दिया। कांग्रेस जिलाध्यक्ष मनोज चौधरी ने साफ किया कूडाघर बनाने की इस लडाई मेंं  डीएम का घेराव करेंगे और यदि सीएम के घेराव किए जाने की नौबत आती है तो कांग्रेस पार्टी पीछे नही हटेगी तथा सीएम आवास का भी घेराव किया जाएगा। कांग्रेस ही नही कई दूसरे संगठनों से लोग भी अमरपुर में धरना स्थल पर अपना समर्थन देने के लिए पहुंच रहे हैं। किसान एकता संघ के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष जतन सिंह भाटी भी अपने कार्यकर्ताओं के साथ मौके पर पहुंचे और ऐलान किया कि ग्रामीणों की इस लडाई में किसान एकता संघ पूरी तरह से साथ है, कूडाघर यहां नही बनने दिया जाएगा। प्रदर्शनकारी ग्रामीणों में से विक्रम नागर ने बताया कि दनकौर नगर पंचायत के कूडेघर के लिए यहां पर करीब 10 बीघा जमीन चिन्हित किए जाने की जानकारी मिल रही है। दनकौर नगर पंचायत ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में नही पडता है। दनकौर नगर पंचायत दूसरे प्राधिकरण यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में आता है। जिस जमीन को कूडाघर बनाने के लिए चिन्हित किया जा रहा है वहां पर उत्तर दिशा में शमशान है और दक्षिण दिशा में सुपरटेक सोसायटी में लोग रहते हैं। यदि यहां पर कूडाघर बनाया जाता है तो चारों तरफ प्रदूषण और गांव अमरपुर जागीर तथा ननुवा का राजपुर गांवो में कई तरह की बीमारियां फैलनी शुरू हो जाएंगी। कूडाघर को यहां से किसी दूसरे स्थान पर स्थानातंरित किया जाए जिससे ग्रामवासी प्रदूषण और बीमारियों आदि से बच सकें। यदि ऐसा नही किया गया तो ग्रामीणवासी आरपार की लडाई लडेंगें और किसी भी कीमत पर यहां पर कूडाघर नही बनाने दिया जाएगा। इस बारे में ’’विजन लाइव न्यूज’’ ने नगर पंचायत दनकौर से भी जानकारी जुटाने के लिए संपर्क किया गया तो नगर पंचायत चेयरमैन मास्टर अजय कुमार भाटी और अधिशासी नगर अधिकारी श्रीमती सीमा कसाना ने विस्तार से जानकारी दी और साफ किया कि अमरपुर जागीर गांव में कूडा घर नही बनाया जा रहा है, इस बात का लोगों में फालतू भ्रम है, वहां पर करीब 33 लाख रूपये की लागत से मेटेरियल रिकवरी फैसिलिटी  (एम.आर.एफ. ) सेंटर बनाने की योजना है। इस परियोजना प्रदूषण आदि का सवाल ही पैदा नही होता है। सवाल के जवाब में नगर पंचायत दनकौर के चेयरमैन मास्टर अजय कुमार भाटी ने बताया कि दनकौर नगर पंचायत द्वारा अमरपुर जागीर क्षेत्र में कचरे का प्रबंधन करने के लिए मेटेरियल रिकवरी फैसिलिटी  (एम.आर.एफ. ) सेंटर बनाने की योजना है। इसके लिए विभाग से स्वीकृति मिल चुकी है। इसका निर्माण जल्द ही कराया जाएगा ग्रामीणों को किसी भी भ्रम मे ंपडने की कोई जरूरत नही है। सेंटर में कचरा को अलग करने की मशीन होंगी। ऑफिस, वाशरुम व स्टाफ रहने के लिए रुम का निर्माण कराया जाएगा। इस योजना पर 33 लाख रुपया व्यय होगा। इस योजना से शहर में फैले कचरा को वाहन के माध्यम से इकट्ठा कर एमआरएफ सेंटर परडंप किया जाएगा। पहले चरण में सूखा कचरा और प्लास्टिक प्रबंधन का काम होगा। नगर पंचायत चेयरमैन मास्टर अजय कुमार भाटी ने बताया कि शहर से प्रतिदिन निकलने वाले कचरा में 40 प्रतिशत सूखा कचरा होता है। इस प्लांट में प्रतिदिन करीब 80 टन सूखा कचरा का प्रबंधन किया जाएगा।

 एमआरएफ सेंटर से शहर में कचरा प्रबंधन को नई दिशा मिलेगीः सीमा कसाना




क्या है एमआरएफ सेंटर इस बारे में अधिशासी नगर अधिकारी श्रीमती सीमा कसाना ने विजन लाइव न्यूज को बताया कि मेटेरियल रिकवरी फैसलिटी (एम.आर.एफ. ) सेंटर में कई प्रकार के मशीन होंगे। जिसके माध्यम से सूखा कचरा को अलग.अलग श्रेणियों में बांटकर उपयोगी और गैर उपयोगी सामानों को अलग.अलग किया जाएगा। अलग.अलग मशीनों से यह काम होगा। इससे शहर में कचरा प्रबंधन को नई दिशा मिलेगी। वर्तमान समय में सूखे कचरे लोग इधर उधर जहां.तहां फेंक देते हैं। जिससे वातावरण भी दूषित होता है। इस सेंटर के खुलने के बाद इस तरह की समस्याओं से पूरे क्षेत्रवासियों को निजात मिलेगी। शहर में कचरा प्रबंधन होने से शहर की सफाई ससमय हो सकेगी। इससे शहर को एक नई पहचान मिलेगी। उन्होंने सवाल के जवाब में बताया कि अमरपुर गांव के लोगों को कूडाघर बनाने की बात से भ्रमित होने की कोई जरूरत नही है। वहां खुले में कोई कूडा नही डाला जाएगा बल्कि यहां से कूडा को चिन्हित कर वहां पर ले जाया जाएगा। सूखा कचरा प्रबंधन के लिए कन्वेयर वेल्ट के माध्यम से एसेम्बली लाइन बनाकर अपशिष्ट को अलग किया जाएगा। सूखे कचरे में कई तरह के सामान होते हैं। इन समानों को अलग.अलग कर आवश्यकतानुसार प्रबंधन किया जाएगा। जो वस्तु उपयोग के लायक नहीं रहेगा उसे कबाड़ी को बेच दिया जाएगा। वही गीला कचरा से जैविक खाद का निर्माण कराया जाएगा। इस मशीन में कई चैम्बर होगा। जिसमें अलग.अलग समानों को सफाई कर्मियों द्वारा अलग.अलग चैम्बर में डाला जाएगा। अधिशासी नगर अधिकारी श्रीमती सीमा कसाना ने यह भी बताया कि शहर में कचरा प्रबंधन करने के लिए यह योजना काफी अच्छा साबित होगी तथा इससे शहर भी स्वच्छ रहेगा। इस परियोजना पर करीब 33 लाख रूपये शासन की ओर से स्वीकृत किए जा चुके हैं ओर जल्द ही निर्माण कार्य शुरु हो जाएगा।