ईदल उल फितर
का त्यौहार
पूरी सादगी
से मनाएं
और तडक
भडक से
दूर रहते
हुए गरीब
और मोहताजों
की मद्द
करें
विजन लाइव/नई
दिल्ली
ईद.उल.फितर
इस्लामी कैलेण्डर
के दसवें
महीने शव्वाल
के पहले
दिन मनाया
जाता है।
इस्लामी कैलंडर
के सभी
महीनों की
तरह यह
भी नए
चाँद के
दिखने पर
शुरू होता
है। मुसलमानों
का त्यौहार
ईद मूल
रूप से
भाईचारे को
बढ़ावा देने
वाला त्यौहार
है। इस
त्यौहार को
सभी आपस
में मिल
के मनाते
है और
खुदा से
सुख.शांति
और बरक्कत
के लिए
दुआएं मांगते
हैं। पूरे
विश्व में
ईद की
खुशी पूरे
हर्षोल्लास से मनाई जाती है।
रमजान का
पाक महीना
अपने अंतिम
चरणों में
है, इस
बार पहला
रोजा 25 अप्रैल
से शुरू
हुआ था।
आज जमा
अलविदा हो
चुका है।
हालाकि इस
बार दुनिया
भर मंें
कोरोना महामारी
के चलते
हुए दूसरे
त्यौहारों की तरह ईद मिठास
भी वैसे
नही जैसे
अमूमन होती
है। लाॅकडाउन
के चलते
हुए मस्जिदे
बंद हैं
जिससे तराबीह
की नमाज
और जुमे
की नमाज
के लिए
भी मस्जिदों
की ओर
रूख करने
के बजाय
लोग घरांें
पर रह
कर ही
रोजा नमाज
इबादत कर
रहे हैं।
लाॅकडाउन का
पालन करते
हुए इस
बार जुमा
अलविदा भी
मस्जिदांें मेे अदा नही की
गई और
लोग घरों
में रह
की इबादत
कर रहे
हैं। संभावना
जताई जा
रही हैं
कि इस
साल चांद
के दीदार
के बाद
ईद उल
फितर 24 या
25 मई को
मनाई जा
सकती है।
इस दिन
लोग नमाज
अदा कर
रोजे का
समापन करते
हैं। ईद
उल फित्र
को मनाने
का मक्सद
ये है
कि पूरे
महीने अल्लाह
के मोमिन
बंदे अल्लाह
की इबादत
करते हैं,
रोजा रखते
हैं और
अपनी आत्मा
को शुद्ध
करते हैं
जिसका अज्र
या मजदूरी
मिलने का
दिन ही
ईद का
दिन कहलाता
है और
जिसे उत्सव
के रूप
में पूरी
दुनिया के
मुसलमान बडे
हर्ष उल्लास
से मनाते
हैं। सबसे
अहम मक्सद
एक और
है कि
इसमें गरीबों
को फितरा
देना वाजिब
है, जिससे
वो लोग
जो गरीब
हैं, मजबूर
हैं, अपनी
ईद मना
सकें नए
कपडे पहन
सकें और
समाज में
एक दूसरे
के साथ
खुशियां बांट
सकें। ईद
के दौरान
बढ़िया खाने
के अतिरिक्त
नए कपड़े
भी पहने
जाते हैं
और परिवार
और दोस्तों
के बीच
तोहफों का
आदान.प्रदान
होता है।
सिवैया इस
त्योहार की
सबसे जरूरी
खाद्य पदार्थ
है जिसे
सभी बड़े
चाव से
खाते हैं।
किंतु इस
बार यह
दिलों के
अंदर
खुशी और मिठास भरने वाला
पवित्र त्यौहार
ईद उल
फितर ऐसे
समय मंें
आ रहा
है, जब
भारत ही
नही बल्कि
पूरी दुनिया
कोरोना जैसी
महामारी से
जंग लड
रही है।
यहां लाॅकडाउन
में सरकार
की गाइडलाइन
का पालन
करते हुए
उलेमाओं की
ओर से
बार बार
अपील की
जा रही
है कि
लोग अपने
घरों में
रह कर
ही इबादत
करें और
खुद की
हिफाजत करें
साथ ही
समाज और
मुल्क की
हिफाजत करें।
साथ ही
उलेआओं की
ओर से
खास अपील
यह भी
की जा
रही है
कि इस
बार ईदल
उल फितर
का त्यौहार
पूरी सादगी
से मनाएं
और तडक
भडक से
दूर रहते
हुए गरीब
और मोहताजों
की मद्द
करें। जो
भी आस
पडोस में
भूखा है,
पहले उसे
खाना और
कपडे मुहैया
कराएं।