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यू पढिएः- मंजू नागर की कहानी कुछ यों हैं कि एक शिक्षित और सभ्य परिवार की बहू होने के बाद भी मन में गरीब और बेसहरा लोगों के लिए कुछ कर गुजरने की तमन्ना

 




महाराजा फूड एग्रो प्रा0 लि0 की मैनेंजंग डायरेक्टर और समृद्धि नागर फांउडेशन की चेयरमैन श्रीमती मंजू नागर से ’’विजन लाइव’’ डिजिटल मीडिया की खास बातचीत

 




मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/गौतमबुद्धनगर

नारी सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक मुकाम हासिल करने वाली मंजू नागर की कहानी कुछ यों हैं कि एक शिक्षित और सभ्य परिवार की बहू होने के बाद भी मन में गरीब और बेसहरा लोगों के लिए कुछ कर गुजरने की तमन्ना। जी हां हम बात कर रहे हैं महाराजा फूड एग्रो प्रा0 लि0 की मैनेंजंग डायरेक्टर श्रीमती मंजू नागर की। श्रीमती मंजू नागर एक कारपोरेट परिवार से आती हैं, किंतु वह गरीब और गरीबी यानी ऐसे लोगों की फिक्र करती हैं जिन्हें समाज से ज्यादातर गरीबी में तिरस्कार ही मिलता है। समाजसेवा के क्षेत्र में अग्रणी मंजू नागर कई स्वयंसेवी संगठनों से जुडी रही हैं और झुग्गी बस्तियों में जाकर नन्हें मुन्हों को शिक्षा की व्यवस्था तक करती रही हैं। इन्ही तमाम सपनों कों लेकर मंजू नागर ने समृद्धि नागर फांउडेशन की स्थापना की हैं और जिसकी वह चेयरमैन भी हैं। आइए इन तमाम मुद्दों पर श्रीमती मंजू नागर से खास बातचीत करते हैं।







विजन लाइवः- मंजू जी आप किन- किन संस्थाओं से जुडीं है?

श्रीमती मंजू नागर- वैसे तो मै कई स्वंय सेवी संस्थाओं से जुडी रही हूं किंतु इनमें मुख्य तौर से समृद्धि नागर फॉउंडेशन की चैयरमेन व महाराजा एग्रो फूड प्राइवेट लिमिटेड की प्रबंध निदेशक के पद पर हूं।

विजन लाइवः- समाज सेवा के क्षेत्र में आप अग्रणी हैं आखिर क्या सपना है?

श्रीमती मंजू नागर- मातृ भाषा,मेरा प्रयास और कुछ मनोकामनाएं हैं।

विजन लाइवः- आप नोएडा के पाश इलाके माने जाने वाले जेपी विश टाऊन में रहती हैं तो फिर गरीब या समाज के कमजोर लोगों की चिंता कैसे जाग उठी?

श्रीमती मंजू नागरः- देखिए, इसमें कौन कहां रहता है और किसका क्या फैमिली लेवल है, कोई मायने नही रखता है बस दिल में समाज सेवा की भावना होनी चाहिए।

विजन लाइवः- भारतीय नारी होने पर गर्व है?

 श्रीमती मंजू नागरः- जी बिल्कुल, सर्वप्रथम मैं अपने आप पर भारतीय नारी होने पर गर्व करती हूं और अपनी मातृभाषा हिन्दी को मैं हमेशा से प्राथमिकता देती हूं, मै पूरी कोशिश व विश्वास करती हूं कि हिन्दी में अपने विचारो को व्यक्त करें, क्योंकि आज भी हिंदी ज़्यादातर लोगों को समझ में आती है, हम अनावश्यक ही अंग्रेज़ी का प्रयोग करते हैं, अपने टशन के लिए इससे हम ग़ुलामी की तरफ़ जाते हैं, ऐसा मुझे महसूस होता है।

विजन लाइवः- समाज सेवा की भावना मन में कैसे जागृत हुई और मुख्य उद्देश्य क्या है?

श्रीमती मंजू नागरः- मैं हर रिश्ते पहलू को पूर्ण रूप से निभाने में, बचपन से ही मन में एक दृढ इच्छा थी, कि मैं जीवन में अपनी क्षमता के अनुसार बच्चों, विशेष कर बेटियों और महिलाओं सभी ज़रूरतमंदो के लिए मैं उनकी हर प्रकार से मदद करूं, उसी क्रम में मैंने ईश्वर के आशीर्वाद से कई मंदिरों, सार्वजनिक स्थलों, झुग्गी . झोपड़ियों व जेल आदि में निःशुल्क शिक्षा, निःशुल्क स्टेशनरी, कॉपी, किताब, पेन्सिल, रबर, ब्लैक बोर्ड, चटाई  आदि के साथ साथ मौसम के अनुसार कपड़े, शॉल, कंबल आदि का वितरण करना मेरी स्वयं की संतुष्टि रही है और इससे ख़ुशी मिलती है।

विजन लाइवः- स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्या खास किया गया है?

श्रीमती मंजू नागर- मेरे द्वारा लोगों को निरोग रहने के लिए योगा प्रशिक्षण की सोसायटी, मंदिरों आदि में निःशुल्क व्यवस्था करना भी रहा है।

विजन लाइवः-   समाज सेवा में सर्वाधिक खुशी का क्षण कब रहा है?

  श्रीमती मंजू नागरः- लक्ष्मी नारायण मंदिर व कुचेसर रोड चोपला हापुड,आखिल भारतीय गुर्जर संस्कृति शोध संस्थान ग्रेटर नोएडा आदि जैसे स्थानों पर समय समय पर खीर आदि का वितरण प्रसाद के रूप में व बंदरो को चने, केले आदि का खिलाना मेरी एक आंतरिक खुशी रही है। इसके अलावा सामूहिक कन्या विवाहों में जैसे ग्रेटर नोएडा, राजस्थान व मथुरा में ज़रूरतमंद कन्याओं के विवाह में धनराशि के रूप में सहयोग करना आदि मेरी एक खुशी का हिस्सा रहा है।

 

विजन लाइवः- जिन्दगी के महत्वपूर्ण खुशी के पल जन्म दिन व वैवाहिक वर्ष गांठ आदि को गरीबों के बीच में मनाना कैसा लगता है?

श्रीमती मंजू नागर-ग्रेटर नोएडा में कासना क्षेत्र की झुग्गी,. झोपड़ियों के लगभग 100 बच्चों को गोद के रूप में  लेना, जिसमें उनकी शिक्षा, कपड़े, राशन व जरूरत सम्बंधी सभी सुविधाओं को प्रदान करना व उनके साथ अपनी जिन्दगी के महत्वपूर्ण खुशी के पल जन्म दिन व वैवाहिक वर्ष गांठ आदि को उनके बीच में मनाना मेरी खुशी का एक अहम् हिस्सा रहता है। इसके साथ साथ खोड़ा कालोनी में, नोएडा के सैक्टर .56, 81, 82, ओमीक्रॉन 3 आदि पर दूध पैकेट, दालें व राशन आदि का वितरण करना तथा साथ ही में अनभिज्ञ महिलाओं को माहवारी आदि में सुरक्षा संबंधी बातें बताना और उन्हें निःशुल्क पैड आदि का बांटना मेरा सौभाग्य रहा है।

विजन लाइवः- कोरोनाकाल में ज़रूरतमंदो को मद्द पहुंचाने का कार्य महाराजा फूड एग्रो प्रा0 लि0 और समृद्धि नागर फांउडेशन के संयुक्त तत्वाधन में किया गया था, क्या?

श्रीमती मंजू नागरः- जी बिल्कुल, कोरोनाकाल में सभी ज़रूरतमंदो को राशन, दूध, दालों के साथ. साथ, ऑक्सीजन ही जीवन का आधार को मानते हुए 250 पौधों को सामुदायिक केन्द्रों पर रोपित करना व् पेड़ लगाओ जीवन बचाओ ् कार्यक्रम में शामिल होने वाली लगभग 50 महिलाओं को पोधे भेंट के रूप में देकर इस कार्यक्रम को सफ़ल बनाया। इसके अलावा समय समय पर कोरोना की पहली और दूसरी लहर में लॉकडाउन और उसके बाद गरीब, मजदूरों और सिक्योरिटी गार्डो को राशन जिसमें चावल, आटा, दालें और दूध के पैकेट के वितरित किए जाने का कार्य किया जाता रहा है और अब भी यह कार्य अनवरत रूप से जारी है।

विजन लाइवः-विजन लाइव’’ डिजिटल मीडिया से बात करने के लिए आपका धन्यवाद।

श्रीमती मंजू नागर- जी,सर आपका बहुत बहुत धन्यवाद।