BRAKING NEWS

6/recent/ticker-posts

Header Add

बिहारी लाल इंटर कॉलेज दनकौर के शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया

डीआईओएस कार्यालय पर आगामी 25 अगस्त को सरकार की तुगलक की नीतियों के विरोध में हुंकार भरेंगे: सुनील कुमार धीरन


मौहम्मद इल्यास- "दनकौरी"/ ग्रेटर  नोएडा
दनकौर स्थित बिहारी लाल इंटर कॉलेज के शिक्षकों ने आज काली पट्टी बांधकर सांकेतिक प्रदर्शन किया। गत 16 अगस्त से कॉलेज खुलने के साथ ही सरकार की तुगलक की नीतियों का शिक्षकों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। आज प्रातः 8:00 बजे स्कूल खुलने के साथ ही सभी शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर कार्य करना शुरू किया। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के गौतमबुद्धनगर जिला मंत्री सुनील कुमार धीरन ने "विजन लाइव"डिजिटल मीडिया के साथ बातचीत में कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में आदेश दिया है की सभी शिक्षक प्रातः 8:00 बजे से लेकर शाम 4:30 बजे तक कॉलेज में रहेंगे ,यह शासनादेश पूरी तरह से शिक्षकों के हितों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि शिक्षा अधिनियम 1922 के तहत शिक्षण के घंटे 5 घंटा 20 मिनट से ज्यादा नहीं हो सकते, किंतु उत्तर प्रदेश सरकार इन सब कानूनों को धता बताते हुए शिक्षकों पर नए नए नियम थोपने का काम कर रही है। उत्तर प्रदेश सरकार की इन तुगलकी नीतियों को कतई भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में माध्यमिक शिक्षक संघ के शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इस कड़ी में बिहारी लाल इंटर कॉलेज दनकौर के सभी शिक्षकों ने भी काली पट्टी बांधकर आज कार्य किया है। यदि उत्तर प्रदेश सरकार ने यह तुगलकी शासनादेश वापस नहीं लिया तो मध्यमिक शिक्षक संघ गौतमबुद्धनगर के बैनर तले आगामी 25 अगस्त को डीआईओएस कार्यालय सूरजपुर पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। इस धरना प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए सभी शिक्षकों से व्यक्तिगत और फोन के माध्यम से जनसंपर्क किया जा रहा है ताकि आगामी 25 अगस्त के धरने प्रदर्शन में सरकार को शिक्षक शक्ति का अहसास कराया जा सके। उन्होंने कहा इसके अलावा शिक्षकों की और भी कई समस्याएं हैं जिनमें वित्तविहीन शिक्षकों को पूर्णकालिक शिक्षक का दर्जा दिया जाना, डीए की बहाली किया जाना, चिकित्सा सुविधा नहीं मिलती है जबकि राजकीय  के शिक्षकों को इसका लाभ दिया जाता है,  चिकित्सा सुविधा दिए जाने की मांग,ALTC की सुविधा दिए जाना, पुरानी पेंशन बहाली जबकि स्थानीय मुद्दों में सरकारी कार्यालयों से भ्रष्टाचार समाप्त किए जाना आदि के मांगें शामिल हैं।