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हाथरस की घटना हिंदुत्व पर क्या करारा तमचा नही हैं? धिक्कार है

 




सरकार सच्चाई के साथ चाबुक चलाती तो डीएम, आईजी और डीआईजी तक भी सब अफसर कार्यवाही की जद में आते




मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम के आदर्शो के अनुसार क्या सुशासन की है, यही झलक

 



चौधरी शौकत अली चेची

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दुनिया में  नारी का  सबसे ज्यादा सम्मान का दर्जा दिया जाता है। भारत की पवित्र धरती पर नारी की पूजा होती है।  लक्ष्मी का रूप जगत जननी गृह लक्ष्मी गायत्री मंत्र उच्चारण में सबसे बड़ा सम्मान आदि नामों से संबोधित किया जाता है। बगैर नारी के मनुष्य की जिंदगी नरक है। इसीलिए लेखों में नारी शक्ति का नाम सुनहरे पन्नों में उच्च स्थान पर लिखा गया है। झूठ, गुमराह, नफरत की मानसिकता में पूरे देश को लपेट कर सब कुछ बर्बाद कर दिया। जहां नारी का अपमान हुआ है वहां बर्बादी के बादल छा गए। महाभारत और रामायण कथाओं में नारी के अपमान से जो समूल नाश हुआ ये सारी कहानियां इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं। यहां सच्चाई को छुपाने के लिए हजारों झूठ बोले जा रहे हैं। चंद् रुपए या टीआरपी बढ़ाने के लिए शब्दों के षड्यंत्र तैयार करके सच को पीछे धकेलने की कोशिश हो रही है। देश की राजनीति का स्तर नरक जैसा दिखाई देता है। बुद्धिजीवी, विपक्षी और विरोधी सत्ता पक्ष को हर तरफ से गलत दिखाई देते हैं। हाथरस की बेटी गरीब थी, दलित थी, उसका कथित बलात्कार हुआ, मारपीट हुई, हड्डी टूटी और अच्छा इलाज नहीं हुआ साथ परिवार वालों को अंतिम संस्कार करने का अधिकार नहीं मिला इन सब बातों से पूरे देश में गुस्सा है। आरोप तो यह भी लगाए जा रहे हैं कि रात के अंधरे में पुलिस प्रशासन ने पेट्रोल डालकर बेटी की लाश को ऐसे जला दिया जैसी कोई बहुत बडा अपराधी हो। अपराधी की लाश को भी ऐसे नही जलाया जाता है। कानून के हिसाब से फांसी की सजा पाए मुजरिम की लाश को भी पूरे सम्मान के साथ परिवार वालों को सौंपा जाता है। मगर हाथरस में जुल्म का शिकार हुई बेटी की लाश को इस तरह जला दिया गया। आखिर ऐसी भी क्या जल्दी थी। सफरजंग अस्पताल में जुल्म की शिकार बटियां जिंदगी की जंग हार जाती है। एक दिन मीडिया में बीटिया की


मौत की खबर आती है तो दूसरे ही दिन लाश के जलने की खबर आती है। पुलिस के पहरे में लाश जलाई जाती है और फिर वो भी आधी रात के अंधेरे में। परिवार वाला इस मौके पर कोई नही और गांव से भी कोई नही आखिर यह गहरी साजिश नही जान पडती है? इस मामले को विपक्षी अपनी पूरे जिम्मेदारी के साथ उठा रहा है। इसी का परिणाम है कि किरकिरी होती देख उत्तर प्रदेश सरकार हरकत में आई और पहले एसआईटी और फिर सीबीआई जांच की सिफारिश की। ये सब तो हो गया और मुजरिम भी सलाखां के पीछे है मगर क्या इंसानियत को शर्मसार करने वाले प्रशासन के खिलाफ कार्यवाही नही की जानी थी। इस मामले में डीएम और आईजी और डीआईजी को क्यों छोडा गया? यदि उत्तर प्रदेश सरकार सच्चाई के साथ चाबुक चलाती तो ये सब अफसर कार्यवाही की जद में आते। ऐसा लगता है कि जरूर गहरी साजिश थी और मामले में सबूत मिटाए गए। बात यदि राजनीति की करें तो बंधुत्व और हिंदुत्व में से हिंदुत्व को सर्वोपरि मानने वाली भाजपा देश में रामराज्य लाने की बात करती है। इसांनियत खून बहा और अध्योध्या में रामंदिर का निमार्ण हो रहा है। भाजपा इसे अपना सबसे बडा धर्म और खास उपलब्धि मान कर गर्व से सिर उंचा कर रही है। मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम के आदर्शो के अनुसार क्या सुशासन की एक भी झलक है। हाथरस की घटना हिंदुत्व पर क्या करारा तमचा नही हैं? धिक्कार है रामराज की बात करने वालों पर कि हिंदू बेटी के साथ जघन्य अपराध होता है और अपराध के बाद सरकार में बैठे लोग भी फिर अपराध करने से तनिक भी न कतरते हैं और न तनिक भी संकोच करते है। क्या ऐसे ही हिंदु राष्ट्र बन पाएगा और रामराज आ पाएगा? बिल्कुल भी नही। हिंदू राष्ट्र का सपना देखने वालों को जवाब देना चाहिए कि हिंदू राष्ट बनने से कौन.सी तरक्की होगी?  माता, बहन बेटियों को क्या सभी को इंसाफ मिलेगा?

लेखकः- चौधरी शौकत अली चेची भारतीय किसान यूनियन ( बलराज  ) के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष  हैं।