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शहर में नई कमिश्नरी सिस्टम से बेहतर कानून व्यवस्था की उम्मीद जगी

 

 विजन लाइव/गौतमबुद्धनगर

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एक अच्छे शहर के लिए बेहतर कानून-व्यवस्था की दरकार होती है। हर एक शहरवासी अपने और अपने परिवार के लिए सुरक्षा की गारंटी चाहता है। इसके आधार पर ही शहर में विकास को गति मिलती है। बात गौतमबुद्धनगर की करें तो यहां अब सुरक्षा व्यवस्था पहले से ज्यादा पुख्ता और मजबूत है। हर रोज गौतमबुद्धनगर की सुरक्षा व्यवस्था नए आयाम छू रही है। सालों से गौतमबुद्धनगर कॉर्पोरेट के लिए एक बेहतर डेस्टिनेशन के रूप में उभरा है और इसके साथ कई अन्य क्षेत्रों के लिए भी। लोग काम के साथ-साथ गौतमबुद्धनगर में खुद को बसाने के लिए घर की भी कामना रखते हैं। एक समय था जब गौतमबुद्धनगर के कुछ हिस्सों को विशेष रूप से रात में सुरक्षित नहीं माना जाता था, लेकिन अब स्थिति काफी बदल गई है। जनवरी 2020 में पुलिसिंग की कमिश्नरेट प्रणाली के तहत गौतमबुद्धनगर की सुरक्षा व्यवस्था में तेजी से सुधार हुआ है। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आलोक सिंह की देखरेख में गौतमबुद्धनगर में लोग अब खुद को सुरक्षित समझने लगे हैं। किसी शहर का मूल्यांकन करने का सबसे अच्छा तरीका है, शहर में महिलाओं की सुरक्षा। नई व्यवस्था लागू होने के बाद, गौतमबुद्धनगर धीरे-धीरे महिलाओं के लिए सुरक्षित शहर बन गया है। महिला पुलिस अधिकारियों द्वारा संचालित हर पुलिस स्टेशन में अलग-अलग विभाग बना गए हैं। इन विभागों के चलते महिलाओं से संबंधित अपराधों से निपटने और महिलाओं की मदद के क्षेत्र में तेजी आई है। गौतमबुद्धनगर पुलिस ने महिलाओं द्वारा अक्सर जाने वाले रास्तों की पहचान की है, और वे अब इन मार्गों पर विशेष गश्त सुनिश्चित कर रहे हैं। नई प्रणाली और नेतृत्व के तहत विभाग ने निगरानी, गश्त, और लोगों को जागरूक करने सहित कई पहलुओं पर काम किया है। अपराधियों को पुलिस विभाग से डर लगने लगा है क्योंकि उनकी संपत्तियों को कुर्क करने सहित उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। इसके तहत उठाए जा रहे कदमों से संभवतः गौतमबुद्धनगर को स्मार्ट सिटी में बदल दिया जाएगा, जिसमें हाई-डेफिनिशन सीसीटीवी कैमरे, सिंगल-विंडो शिकायतों के निवारण प्रणाली जैसी सुविधाओं के साथ यहां हाई-टेक सुरक्षा होगी। गौतमबुद्धनगर पुलिस प्रमुख ने साफ तौर पर ट्रैफिक अराजकता, महिलाओं के खिलाफ अपराध और साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ सख्ती से पेश आने की बात की है। बहुत सारे कॉर्पोरेट कार्यालय गौतमबुद्धनगर के नोएडा और ग्रेटर नोएडा शहरांं में हैं और आने वाले सालों में कई कॉर्पोरेट द्वारा यहां कार्यालय स्थापित करने की उम्मीद है। नई प्रणाली को लागू हुए छह महीने से अधिक के समय में गौतमबुद्धनगर में सभी अपराधों की दर में कमी आई है। पुलिस यातायात से संबंधित मुद्दों पर भी काम कर रही है, जो एक बार हल हो जाने के बाद शहर में जीवन को बेहतर बनाएगा। ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए, गौतमबुद्धनगर को इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस में रखा जाएगा, इतना ही नहीं कम से कम 203 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में रियल टाइम इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की योजना पर भी काम चल रहा है। यातायात अनुशासन के लिए, कुछ प्रमुख जंक्शनों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और सार्वजनिक स्थानों पर अधिक कैमरे लगाने की योजना है। विस्तार वाले शहर के भविष्य की जरूरतों को भी पुलिस भलिभांति समझ रही है। यही कारण है कि गौतमबुद्धनगर के जेवर तक के क्षेत्र भी बेहतर सुरक्षा की जद में होंगे। उम्मीद है कि जेवर एयरपोर्ट रीजन को और सुरक्षित बनाने के लिए एक अलग डीसीपी की तैनाती हो सकती है। शहर में सुरक्षा व्यवस्था की बदलती तस्वीर आसपास के क्षेत्रों में रहने वालों को भी आकर्षित कर रही है। ऐसा लगता है कि गौतमबुद्धनगर का नोएडा अब पुराना नोएडा नहीं रह गया है। नागरिक केंद्रित पुलिसिंग से लोग विश्वास के साथ और सुरक्षित रूप से यहां घूम सकेंगे। पुलिस और जनता के बीच विश्वास कायम करने के लिए वरिष्ठ अधिकारी पुलिसकर्मियों के लिए सॉफ्ट स्किल कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रहे हैं।