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कासना नहर तिराहे से लेकर गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी तथा यमुना एक्सप्रेस-वे तक रोड पर स्ट्रीट लाइट पैनल से की जा रही है, धडल्ले से बिजली चोरी

 


रोड लाईट के नाम पर कहीं स्ट्रीट लाइट खराब पडी हुई हैं और कहीं ये लाइटें टूट कर नीचे गिर चुकी है। यदि कहीं स्ट्रीट लाइट ठीक अवस्था में है भी, वहां पर चोरी हो चुके है, स्ट्रीट लाइट पैनल तक



बिजली चोरी के मामले के प्रकाश में आ जाने पर अपने दोनों इलेक्ट्रिशियनों को हटा दिया है, साथ में ही एनपीसीएल को भी भेज दिया गया है, पत्रः सीनियर मैनेजर संदीप भरता



प्रबुद्ध लोगों ने इस मामले की शिकायत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, उर्जा मंत्री, जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर और ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यापालक अधिकारी को पत्र भेज कर की



विजन लाइव/ग्रेटर नोएडा

हाईटेक शहर ग्रेटर नोएडा की व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने यों तों शहर को जगमगाने के लिए करोड रूपये खर्च किए हुए हैं मगर इसका फायदा लोगों को नही मिल पा रहा है। रोड लाईट के नाम पर कहीं स्ट्रीट लाइट खराब पडी हुई हैं और कहीं ये लाइटें टूट कर नीचे गिर चुकी है। यदि कहीं स्ट्रीट लाइट ठीक अवस्था में है भी वहां पर स्ट्रीट लाइट पैनल तक चोरी हो चुके हैं। यहीं नहीं स्ट्रीट लाइट पैनल से बिजली चोरी भी धडल्ले से की जा रही है। ग्रेटर नोएडा में कासना नहर तिराहे से दनकौर जेवर की ओर जाने वाले मुख्य लिंक रोड की हालत में कुछ ऐसी ही है। कासना नहर तिराहे से इस 80 मीटर रोड से सेक्टर चाई-4, फाई-4 और एटीएस, वृंदा सिटी, मीडिया विलेज, निबंस समेत तमाम सोसायटीज और सेक्टरों के लिए आगागमन होता है। वहीं ग्रेटर नोएडा डिपो से सारा यातायात जिले के दनकौर और जेवर तक के लिए यहीं से आता जाता है। किंतु इस रोड पर लगी ज्यादातर स्ट्रीट लाइटें जल ही नही रही। इनमें कुछ तो खराब पडी हुई है, जब कि कुछ के पैनल खराब हो चुके हैं। रात्रि में रोड की लाईटें न जलने से कई बार राहगीर अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों की छीना झपटी के भी शिकार हो जाते हैं। सबसे बडी बात यह निकल कर सामने आई हैं कि कासना नहर तिराहे से लेकर गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी तथा यमुना एक्सप्रेस-वे तक इस सारे रोड पर स्ट्रीट लाइट पैनल से धडल्ले से बिजली की चोरी की जा रही है। इस लिंक रोड और गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी के बीच कासना नहर का जंगल है। यहां कुछ भू-माफिया किस्म के लोगों के द्वारा स्ट्रीट लाइट पैनल बॉक्सों से बिजली चोरी की जा रही है। ये भू माफिया स्ट्रीट लाइट पैनल बॉक्स से केबिल जोड कर रोड को तोड कर वहां से केबिल को दबा कर खेतों तक ले जाते हैं फिर वहां पर पावर की मोटर लगा कर सिचाई की जाती है। भू माफियाओं इन अवैध ट्यूबवैलों से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का मोटा नुकसान हो रहा है। किंतु अधिकारी कानों में रूई डाल कर बैठे हुए हैं। हालांकि विगत वर्षो के दौरान जब यह मामला मीडिया की सुर्खिया बना था, उस समय जरूर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के जिम्मेदार अधिकारियों ने स्ट्रीट लाइट पैनल बॉक्स से बिजली चोरी किए जाने के मामले पर लगाम कसी थी। इस बार फिर कुछ प्रबुद्ध लोगों ने इस मामले की शिकायत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, उर्जा मंत्री, जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर और ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यापालक अधिकारी को पत्र भेज कर की है। इस पत्र में प्रबुद्ध नागरिकों ने अवगत कराया है कि चाई 4 सेक्टर ग्रेटर नोएडा, एटीएस सोसाइटी के पास 80 मीटर रोड पर स्ट्रीट लाइट के पैनल बॉक्सो से कटिया लगाकर प्राधिकरण के कुछ कर्मचारियों दवारा सांठगांठ कर भूमाफिया प्रवृत्ति के लोग कई सालों से लगभग 25 पानी के पंम्पो दवारा खेतों में फसलों की सिंचाई कर रहे हैं। गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी व एटीएस सोसाइटी के बीच जंगलों में लाइट की केबिलो का जाल बिछा हुआ है। इससे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का हर महीने लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है। फाल्ट व नंगे तारों के कारण लोगों के जान माल की क्षति होती रहती है। रात में अधेरा होने के कारण सोसाइटी व पास की सड़कों पर चोरी तथा आदि अपराध होते रहते हैं और जिनकी जानकारी चंद प्राधिकरण कर्मचारियों व पुलिसकर्मियों को है। इस संबंध में एक पत्र गत 22 जुलाई-2020 को भी भेजा जा चुका है। किंतु उस पत्र पर न तो ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों की ओर से और न ही एनपीसीएल की ओर से कोई कार्यवाही की गई हैं। तत्पश्चात पत्रों की प्रतियां पुनः फिर अब दिनांक 05 अगस्त-2020 को प्रेषित की गई हैं। शिकायत पत्र में मांग की गई है कि सच्चाई की जांच करा कर बिजली चोरी करने व कराने वाले दोषियों को दंडित कर कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जावे। वहीं इस बारे में जब ’’विजन लाइव’’ नें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीनियर मैनेजर संदीप भरता से बातें की, तो पहले तो उन्होंने पल्ला झाड़ने कोशिश की। किंतु उसके बाद बताया कि उन्होंने इस कासना एटीएस के बीच जंगल में हो रही बिजली चोरी के मामले के प्रकाश में आ जाने पर अपने दोनों इलेक्ट्रिशियनों को हटा दिया है, साथ में ही एनपीसीएल को भी पत्र भेज दिया गया है। एनपीसीएल ने भी टीम गठित कर कार्रवाई शुरू कर दी है।