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गौतमबुद्धनगर सपा जिला अध्यक्ष पद पर वीर सिंह यादव की पुन: तैनाती से विरोध के स्वर शुरू

सपा जिला अध्यक्ष पद पर मुस्लिम की तैनाती की हाईकमान से मांग


सपा मजदूर सभा के पूर्व प्रदेश सचिव व मेरठ मंडल पूर्व महासचिव मदर टेरेसा फाउंडेशन चौधरी हंसुरउद्दीन ने खुलकर विरोध जताया
मौहम्मद इल्यास / ग्रेटर नोएडा 
गौतमबुद्धनगर नगर में वीर सिंह यादव को एक बार फिर समाजवादी पार्टी का जिला अध्यक्ष मनोनीत किए जाने के बाद कार्यकर्ताओं के बीच विरोध के स्वर पैदा हो गए हैं। वीर सिंह यादव इससे पहले भी गौतमबुद्धनगर नगर के जिला अध्यक्ष रह चुके हैं। वीर सिंह यादव से पहले फकीर चंद नागर और प्रताप चौहान भी सपा के जिलाध्यक्ष पद पर कार्यरत रह चुके है। किंतु इस बार फिर सपा जिला अध्यक्ष पद पर वीर सिंह यादव की तैनाती का सपा हाईकमान यह फैसला तुगलकी माना जा रहा है। सपा कार्यकर्ताओं के बीच विरोध के स्वर पैदा हो गए हैं चर्चा है कि गौतमबुद्धनगर जिला ठाकुर और गुर्जर बहुल है। यदि मतों के आंकड़े पर गौर करें तो सर्वाधिक मत इन दोनों ही गुर्जर और ठाकुर बिरादरी के ही माने जाते हैं। इन दोनों बहनों के बाद सर्वाधिक मत मुसलमान बिरादरी के माने जाते है। यही कारण है कि अभी तक सपा इन गुर्जर और ठाकुर बिरादरी में से ही होते रहे चुनावों में अपना प्रत्याशी बनाती रही है। मुसलमान बिरादरी की बात की जाए तो अच्छा खासा वोट बैंक सपा का माना जाता है किंतु अभी तक मैं तो कोई मुसलमान प्रत्याशी ही बनाया गया है और नहीं जिला अध्यक्ष पद पर किसी मुसलमान की तैनाती की गई है। यादव बिरादरी की बात की जाए तो गौतमबुद्धनगर जिले में कोई खास जनाधार नहीं है। गौतमबुद्धनगर जिले में सरफाबाद गांव को छोड़कर शायद यादव बिरादरी का कोई दूसरा गांव नहीं है। फिर जिला अध्यक्ष पद पर यादव की तैनाती क्यों और फिर वीर सिंह यादव को एक पैराशूट जिलाध्यक्ष भी माना जाता है। वीर सिंह यादव नोएडा से आते हैं जबकि गौतम बुध नगर जिला अध्यक्ष ग्रेटर नोएडा दादरी दनकौर जेवर आदि क्षेत्रों को संभालते हैं। इस मुद्दे पर सपा मजदूर सभा के पूर्व प्रदेश सचिव व मेरठ मंडल के पूर्व महासचिव मदर टेरेसा फाउंडेशन चौधरी हंसुरउद्दीन खुलकर विरोध में सामने आ चुके हैं। चौधरी हसुरउद्दीन ने एक बयान में कहा कि यादव से जादा मुस्लिम समाज है गोतमबुद्धनगर जिले में। सपा हाईकमान से अनुरोध है कि मुस्लिम को जिला अध्यक्ष का पदभार सौपा जाए। उन्होंनेे कहा कि यादव जिले में मुश्किल से 5 पर्सेंट है, जबकि मुस्लिम 30 पर्सेंट है और गुर्जर बिरादरी के लोग 40 परसेंट तथा अन्य बिरादरी के लोग 20 पर्सेंट  है। उन्होंने कहा इस बार जिले में मुस्लिम जिलाध्यक्ष ही होना चाहिए । चौधरी हस्रउद्दीन ने इस मुद्दे पर ट्वीट भी किए हैं और सोशल मीडिया पर भी अपना मजबूती से पक्ष रखाा है।