सूरजपुर स्थित आर्य
समाज मंदिर
में आर्य
प्रतिनिधि सभा गौतमबुद्धनगर की बैठक
में मौसम
अनुकूलन होने
पर महायज्ञ
किए जाने
का निर्णय
लिया
कोरोना जैसी महामारी ने पूरे विश्व को अपने आगोश में ले रखा है, ऐसे में और भी बढ जाता है, यज्ञ किए जाने का महत्वः आचार्य कर्ण सिंह
विजन लाइव/ग्रेटर
नोएडा
सूरजपुर स्थित आर्य
समाज मंदिर
में आर्य
प्रतिनिधि सभा गौतमबुद्धनगर की एक
बैठक संपन्न
हुई। इस
बैठक की
अध्यक्षता आर्य प्रतिनिधि सभा के
जिलाध्यक्ष महेंद्र सिंह आर्य ने
की और
मंच संचालन
जिला महामंत्री
प0 मूलचंद
आर्य ने
किया। बैठक
में यज्ञ
को लेकर
विचार किया
गया कि
इस बार
भी महायज्ञ
किया जाना
चाहिए अथवा
नही। आर्य
प्रतिनिधि सभा जिलाध्यक्ष महेंद्र सिंह
आर्य ने
कहा कि
प्रतिवर्ष श्रावण मास में महायज्ञ
का आयोजन
आर्य प्रतिनिधि
सभा के
तत्वाधान किया
जाता है,
मगर इस
बार कोरोना
महामारी के
कारण लॉकडाउन
के चलते
हुए महायज्ञ
का आयोजन
नही किया
गया, किंतु
अब सामान्य
स्थिति होती
जा रही
है और
सरकार भी
अनलॉक पर
आगे बढ
रही है।
इसलिए मौसम
अनुकूलन होते
ही महायज्ञ
किए जाने
में कोई
बुराई नही
है। आचार्य
कर्ण सिंह
ने कहा
कि वैदिक
संस्कृति में
दैनिक यज्ञ
मूल है।
ऐसे में
जब कि
कोरोना जैसी
महामारी ने
पूरे विश्व
को अपने
आगोश में
ले रखा
है, यज्ञ
किए जाने
का महत्व
और भी
बढ जाता
है। उन्होंने
कहा कि
वैज्ञानिक अनुसंधानांं से यह बात
साबित भी
हो चुकी
है कि
यज्ञ किए
जाने से
98 प्रतिशत के करीब कार्बनडाईऑक्साईड की मात्रा वातावरण से
स्वतः ही
समाप्त हो
जाती है।
इसलिए कोरोनाकाल
में यदि
महायज्ञ किया
जाए तो
इसके परिणाम
कई तरह
से चमात्कारिक
हो सकते
हैं। आर्य
प्रतिनिधि सभा के पूर्व जिलाध्यक्ष
रामेश्वर सरपंच
ने कहा
कि वैदिक
संस्कृति यज्ञ
से ही
जानी जाती
है, इस
कोरोना काल
में महायज्ञ
किया जाए
और शुद्व
घी, साम्रमी
जिसमें कई
तरह की
जडी बूटी
जैसे गिलोय,
तलसी भी
हो सकती
हैं, हो।
इससे महायज्ञ
काफी मुफीद
साबित हो
सकता है।
आर्य प्रतिनिधि
सभा के
पूर्व जिलाध्यक्ष
आर्य वीरेश
भाटी ने
कहा कि
महायज्ञ किए
जाने में
कोई बुराई
नही है,
क्योकि दैनिक
यज्ञ किए
जाने से
ही वैदिक
संस्कृति का
पता चलता
है। इस
बार महायज्ञ
सामान्य स्थिति
होने पर
अक्टूबर-नवंबर
माह के
दौरान किया
जाना चाहिए
और साथ
ही महायज्ञ
स्थल पर
सरकार द्वारा
तय गाइडलाइन
का पालन
किया जाना
चाहिए। जिला
महामंत्री प0 मूलचंद आर्य ने
कहा कि
कोरोना महामारी
से भारत
ही नही,
बल्कि पूरा
विश्व संकट
में है।
ऐसे में
कोरोना दूर
हो और
पूरे विश्व
में शांति
कायम हो।
कोरोना विश्व
शांति महायज्ञ
किया जाना
चाहिए। बिजेंद्र
सिंह आर्य
ने कहा
कि महायज्ञ
बारिश के
बाद अक्टूबर-नवंबर माह
में और
गुरूकुल मुशर्दपुर
में किया
जाना चाहिए,
जहां सरकार
द्वारा तय
की गई
गाइडलाइन का
पालन किया
जाना चाहिए।
साथ ही
इस मौके
पर देवमुनि,
आर्य सागर
खारी, कमल
सिंह आर्य,
मास्टर प्रताप
सिंह आर्य,
प0 महेंद्र
कुमार आर्य,
चौधरी धर्मवीर
प्रधान, दिनेश
आर्य आदि
वक्ताओं ने
महायज्ञ किए
जाने पर
बल दिया।
बैठक में
तय हुआ
कि इस
बार कोरोना
महामारी की
जंग में
महायज्ञ का
महत्व अधिक
है। इसलिए
महायज्ञ बारिश
की समाप्ति
के बाद
22 अक्टूबर-2020 से लेकर 11 नवंबर-2020 तक
21 दिवसीय किया जाएगा। महायज्ञ इस
बार गुरूकुल
मुशर्दपुर में आयोजित किया जाएगा। कोरोना
मुक्ति विश्वशांति
महायज्ञ के
लिए आर्य
प्रतिनिधि सभा के पूर्व जिलाध्यक्ष
आर्य वीरेश
भाटी ने
11 हजार रूपये
की सहयोग
राशि नकद
रूप से
प्रदान की।
वहीं आर्य
प्रतिनिधि सभा के कोषाध्यक्ष आर्य
सागर खारी
ने 1 मन
शुद्ध देशी
घी, 1 मन
साग्रमी और
1 मन लकडी
दिए जाने
की घोषणा
की।